Today Breaking News

रोता-बिलखता घाट पर पहुंचा...दोस्त की चिता पर लेटकर दी जान; हरिओम-हरिओम बोलते हुए जलती पर कूदा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, फिरोजाबाद. ''तेरे लिए तो जान भी हाजिर है...'' फ्रैंडशिप में यह जुमला देते हुए अक्सर सुना गया है। दोस्ती की मिसाल कायम करते हुए कई कहानियां भी सामने आ चुकी हैं। लेकिन फिरोजाबाद में शनिवार को जो कुछ हुआ, वह वास्तव में हैरान कर देने वाला है। यहां एक शख्स की मौत के बाद गमजदा दोस्त ने उसकी चिता पर लेटकर खुद अपनी जान दे दी।

शिकोहाबाद के यमुना किनारे स्थित सरूपुर घाट में दोस्त की जलती चिता पर लेटकर बुरी तरह झुलसे युवक की रात करीब 8 बजे मौत हो गई। दैनिक भास्कर की टीम ने इस घटना के बाद दोनों दोस्तों के बारे में जानकारी जुटाई। चलिए जानते हैं किसने क्या कुछ कहा...

सबसे पहले एक नजर पूरे मामले पर

शिकोहाबाद के नगला खंगर के गांव मढैया नादिया में शनिवार सुबह रामबाबू के बेटे अशोक कुमार (40) की मौत हो गई। अशोक को कैंसर था। अशोक और गढ़िया पंचवटी का रहने वाला आनंद गौरव राजपूत बचपन से जिगरी दोस्त थे। दोनों खेती-किसानी करते थे। अशोक की मौत के बाद उनके घर-परिवार में कोहराम मच गया।

परिजन अशोक का शव लेकर सरूपुर घाट पहुंचे। इसी दौरान आनंद भी रोते-बिलखते घाट पहुंच गया। उधर, अशोक की चिता को मुखाग्नि देने के बाद सभी परिजन और जानने वाले धीरे-धीरे घर जाने लगे। कुछ लोग वहां घाट के पास ही मौजूद थे। इसी बीच पता चला कि आनंद अशोक की जलती चिता पर जाकर लेट गया है। लोगों ने अर्थी के बांस-डंडे की मदद से आनंद का रेस्क्यू किया। इस दौरान वो 90 प्रतिशत से ज्यादा जल चुका था। ट्रामा सेंटर में इलाज के बाद उसे आगरा रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई।

हरिओम-हरिओम बोलते हुए चिता पर लेटा आनंद

इस मामले में कई तरह के बयान सामने आए। हालांकि लोग कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। वहीं, आनंद के परिजनों ने कहा, ''उसने आग में कूदने से पहले हरिओम-हरिओम कहा और आग में कूद गया।'' वहीं आनंद की मौत के बाद अशोक के परिजनों को कानूनी कार्रवाई का भय सताने लगा। इसके चलते वे इस हादसे के बारे में बोलने से कतराते नजर आए। इस पर आनंद के गांव के प्रधान गेंदालाल राजपूत ने कहा कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।

''दोनों ढोलक-मंजीरा लेकर भजन-कीर्तन करते थे''मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि अशोक और आनंद एक-दूसरे के हमदर्द थे। दोनों एक साथ खेले-कूदे, पढ़े और बड़े हुए। प्रधान गेंदालाल राजपूत कहते हैं, ''आनंद और अशोक दोनों ही ढोलक और मजीरा बजाकर गांव में भजन-कीर्तन भी करते थे। दोनों ही लोग गाने-बजाने की शौकीन थे। दोनों की दोस्ती बहुत गहरी थी और एक ही जाति के थे। अशोक की मौत के बाद आनंद का उसी की चिता पर जलना दुखद है।''

''अशोक और आनंद करते थे खेती-किसानी''

बचपन के दोस्त अशोक और आनंद खेती-किसानी करते थे। अशोक को कैंसर था। इस पर अक्सर आनंद मलाल करता था। मृतक आनंद की पत्नी का नाम गुड्डी देवी है। उसकी 5 बेटियां हैं। अभी सिर्फ बड़ी बेटी की शादी हुई है। 2 साल पहले उसने अपने छोटे भाई का बेटा गोद लिया था। वहीं, मृतक अशोक की पत्नी का नाम ममता देवी है। उसके दो बेटे हैं।

अशोक और आनंद की मौत के बाद दोनों दोस्तों के घर पर गम का माहौल है। दोनों की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।

SP ग्रामीण रणविजय सिंह ने बताया कि सरूपुर घाट में यह घटना हुई है। आनंद नाम के शख्स ने जलती चिता पर आत्मदाह का प्रयास किया। घायल को आगरा रेफर किया गया था। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।

आसपास के कई गांवों में रातभर होती रही चर्चा

आनंद गौरव राजपूत ने जो किया, वह कोई नहीं करता है। उसकी हरकत को जुनून कहा जाए या मानसिक रूप से विक्षिप्त जैसा कार्य...'' ऐसी चर्चा आसपास के कई गांवों में जोरों पर होती रही। लोगों ने कहा कि जिस समय आग के पास जाना भी मुश्किल हो रहा हो, वहीं आनंद गौरव अपने दोस्त की जलती चिता पर लेट गया। देखते ही देखते उसका पूरा बदन जल उठा। उसकी हरकत को देख वहां मौजूद लोग आश्चर्य चकित रह गए। जिन्होंने मंजर को अपनी आंखों से देखा, उनकी आंखों से वह सीन ओझल नहीं हो रहा है।

'