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भदरी किला के बाहर भारी संख्या में फोर्स तैनात, राजा भैया के पिता समेत 13 लोग नजरबंद

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, प्रतापगढ़. प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी के आदेश पर मोहर्रम को लेकर पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह समेत 13 लोगों को पुलिस-प्रशासन ने नजरबंद कर दिया है। भदरी कोठी के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। नजरबंद किए गए लोगों में जितेंद्र सिंह, आनंदपाल, रमाशंकर मिश्र, भवानी विश्वकर्मा, रवि सिंह, हनुमान प्रसाद पांडेय, केसरी नंदन पांडेय, जमुना मौर्या, निर्भय सिंह, गया प्रसाद प्रजापति, मोहनलाल जुगनू विश्वकर्मा शामिल हैं।

उदय प्रताप सिंह 

सभी के घरों पर पुलिस का पहरा है। पाबंद लोग शुक्रवार शाम 5:30 बजे से शनिवार की रात 9:30 बजे तक पुलिस की निगरानी में रहेंगे। कोतवाल कमलेश पाल ने बताया कि पाबंद लोगों के हर क्रियाकलाप पर नजर रखी जा रही है।

कुंडा का शेखपुर आशिक गांव प्रयागराज-लखनऊ हाईवे पर है। मोहर्रम आते ही पिछले कुछ वर्षों से बवाल की आशंका में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी जाती है। इस बार भी ऐसा है। वर्ष 2013 में विवाद शुरू हुआ था।गांव में एक बंदर की 10वीं मोहर्रम पर गोली मारने से मौत हुई थी। जहां मौत हुई थी वहां हनुमान जी का मंदिर बना दिया गया। जहां 2014 में पूजा-पाठ हुआ था। इसके बाद कोई अन्य कार्यक्रम नहीं हुआ।

प्रतापगढ़ में भदरी किला के बाहर पुलिस फोर्स तैनात।

2016 में ताजिया उठाने से इनकार किया था

2015 में उदय प्रताप सिंह ने पूजा पाठ के साथ ही 10वीं मोहर्रम पर भंडारे का आयोजन शुरू करा दिया। वर्ष 2015 में भंडारा हुआ और 10वीं मोहर्रम पर ताजिया निकला। अगले साल यानी 2016 में भंडारे की वजह से ताजियादारों ने ताजिया उठाने से इनकार कर दिया। इससे खलबली मच गई। दूसरे दिन अफसरों ने किसी तरह ताजिया दफन कराया।

वर्ष 2017 में भंडारे पर रोक

वर्ष में 2017 झंडों की गिनती तक हुई। भंडारे पर रोक लगा दी गई। उदय प्रताप सिंह ने इस आदेश के खिलाफ अदालत की शरण ली। कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को विवेक से निर्णय लेने का आदेश दिया। भंडारा बंद हो गया, लेकिन मोहर्रम पर लगने वाली चांदनी (गेट) और झंडे को लेकर विवाद जारी रहा। यह 2019 में सुलझा। अब शेखपुर में सड़क पर बने गेट को लेकर विवाद की स्थिति बनती है।इस साल अब तक गेट नहीं बनाया गया है। चर्चा है कि इस बार दो दर्जन से अधिक ताजियादार शेखपुर आशिक गांव का ताजिया नहीं उठने पर अपना ताजिया नहीं उठाएंगे। इस संबंध में लोग कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

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