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ग़ाज़ीपुर में 7 करोड़ का गबन करने वाला जेई गिरफ्तार, भ्रष्टाचार कोर्ट में किया जाएगा पेश

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में लगभग दस वर्ष पूर्व सपा सरकार में पर्यटन विकास और सुंदरीकरण कार्य के दौरान करीब सात करोड़ रुपये का गबन करने वाले जेई गोपाल सिंह कुशवाहा को ईओडब्ल्यू वाराणसी ने रविवार को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया। गोपाल पीडब्ल्यूडी कानपुर में जेई के पद पर कार्यरत था।

भदौरा ब्लाक में पांच अलग-अलग स्थानों पर पर्यटन विकास और सुंदरीकरण का कार्य वर्ष 2012-13 के दौरान किया जाना था। शासन ने कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड भदोही (वाराणसी) को यह कार्य आवंटित किया था। इसके लिए करीब 8.17 करोड़ रुपये अवमुक्त किया गया था, जिसमें से लगभग 1.17 करोड़ रुपये का कार्य मानक के अनुरूप और पूर्ण पाया गया। वहीं, करीब सात करोड़ रुपये के भुगतान वाला कार्य अधूरा और मानक के अनुरूप नहीं मिला।

शिकायत मिलने पर जांच अधिकारी व वाराणसी एवं विंध्याचल मंडल पर्यटन के तत्कालीन संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा ने 12 सितंबर 2017 को उप्र राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक, अभियंता, उप अभियंता, लेखाकार आदि एवं ठेकेदार, उप ठेकेदार, पीआरवी आदि के विरुद्ध शासकीय धन गबन किए जाने का अभियोग गहमर थाने में दर्ज कराया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन ने इसकी विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी को सुपुर्द किया।

जांचकर्ता निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने शासकीय धन के बंदरबाट में तत्कालीन परियोजना निर्देशक, अभियंता, उप अभियंता, लेखाकार और कैशियर के साथ-साथ ठेकेदारों को भी दोषी पाया। प्रकरण में संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू वाराणसी डी. प्रदीप कुमार ने निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। टीम ने शनिवार की रात कानपुर देहात के पीडब्ल्यूडी कार्यालय में कार्यरत जेई गोपाल सिंह कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया।

यह पूर्व में प्रतिनियुक्ति पर उप अभियंता के पद पर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड में कार्यरत था। गोपाल कानपुर के लवकुशपुरम का रहने वाला है। निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि इसे भ्रष्टाचार न्यायालय वाराणसी में रिमांड के लिए प्रस्तुत किया जायेगा। गिरफ्तारी करने वाली टीम में उप निरीक्षक जटाशंकर पांडेय, मुख्य आरक्षी रामाश्रय सिंह, विनोद यादव और आरक्षी राजकिशोर थे।
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