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गाजीपुर में शोपीस बना है करोड़ो की लागत से बना आयुर्वेद अस्पताल, बस लटक रहा ताला, भटक रहे मरीज

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के जमानियां में नवनिर्मित तीन राजकीय आयुर्वेद डिस्पेंसरी एवं आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर डेढ़ साल बाद भी सुविधाओं से लैस नहीं हो सके हैं। यही नहीं इस भवनों पर ताला लटकने से इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। शासन के निर्देश पर आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से करीब एक करोड़ की लागत इनका निर्माण कार्य कराया गया है।

इन आयुर्वेद अस्पतालों के भवनों का निर्माण तीन साल पहले शुरू किया गया तो लगा कि बहुत जल्द ही अंग्रेजी दवाओं से मरीजों को मुक्ति मिलने के साथ ही इस पद्धति की ओर लोगों का रूझान बढ सकेगा, साथ ही समय से बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं भी मिल सकेगीं। जिससे मरीजों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा।

ग्राणीण ने कहा कि नवनिर्मित इन भवनों को चिकित्सकीय सुविधाओं से जल्द लैस करने के साथ ही यहां चिकित्सकों और कर्मियों की तैनाती की जाए ताकि शासन के मंशा के अनुरूप लोगों को इसका लाभ मिल सके।

बनकर तैयार हर भवन की लागत करीब तीस-तीस लाख है, हर एक अस्पताल 4-4 शैय्या वाले हैं। जिनमें चार कमरे, एक हाल, आफिस, ओपीडी, आपातकालीन कक्ष,अस्पताल तक जाने के लिए रास्ता, बाउंड्रीवाल, पेयजल, शौचालय, विद्युतीकरण आदि की सुविधाएं प्रस्तावित हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि महकमे की इसी उदासीनता का परिणाम है कि वर्तमान समय में सुहवल के नाम पर आयुर्वेदिक अस्पताल बेटावर स्थित नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर संचालित है, जबकि नवली में एक जर्जर भवन में एवं रेवतीपुर में पंचायत भवन में यह आयुर्वेद अस्पताल दशकों से संचालित किए जा रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि इसको लेकर कई बार शिकायत किया गया मगर जिम्मेदार मौन साधे रहे।

जिला क्षेत्रीय आयुर्वेद-यूनानी अधिकारी डॉक्टर जयंत कुमार ने बताया कि‌ आयुर्वेद अस्पताल के नये भवन बनकर तैयार है, जल्द ही इन भवनों को सुविधाओं से लैस करने के साथ ही दूसरे जगहों पर संचालित अस्पतालों को नये भवनों में शिफ्ट कर चालू कर दिया जाएगा।

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