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गाजीपुर में सपा नेता अमलधारी यादव के हत्यारों का 7 दिन बाद भी सुराग नहीं, दबिश दे रही नंदगंज पुलिस

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में सपा नेता अमलधारी यादव की हत्या के सात दिन बाद भी पुलिस किसी की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। इस मामले में चार नामजद आरोपियों की भी गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर सकी है। हत्या के बाद से ही टीमें दबिश दे रही हैं लेकिन सफलता नहीं मिली। मृतक सपा नेता के परिवार और पार्टी के लोग हत्यारों की गिरफ्तारी की लगातार मांग कर रहे हैं।

घटना स्थल का निरीक्षण करते एसपी।

पूरा मामला जानिए

31 जनवरी को स्कॉर्पियो सवार बदमाशों ने सपा नेता पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थीं। नंदगंज थाने इलाके के बंधवा कुसम्हीकला गांव के पास हमला तब किया गया। जब वो बच्चे की फीस जमा करके तुलसीपुर स्थित उसके स्कूल से अपने गांव अतरसुआ जा रहे थे।

बुलेट पर सवार अमलधारी के साथ उनके भाई रामनगीना भी बाइक पर पीछे बैठे थे। बंधवा कुसम्हीकला की पुलिया के पास बाइक जैसे ही पहुंची। छोटे भाई ने अमलधारी ने बाइक रोकने को कहा। कुछ काम के लिए उतरकर सड़क किनारे चले गए। अमलधारी अपनी बाइक पर बैठकर भाई के आने का इंतजार कर रहे थे। उसी समय गाजीपुर शहर की तरफ से स्कॉर्पियो सवार बदमाश आए और वाहन से उतरकर सपा नेता नेता के ऊपर गोलियां दाग दीं। गोली लगते ही अमलधारी बाइक समेत गिर गए। बदमाश वहां से फरार हो गए।

अमलधारी यादव की हत्या के बाद नंदगंज में चक्का जाम करते लोग

भाई ने अमलधारी को उठाने की कोशिश

सपा नेता का भाई राम नगीना गोलियां चलने के बाद सहम गया। वो आया और भाई को उठाने की कोशिश की। अमलधारी गंभीर रूप से घायल थे। रामनगीना ने फोन पर घटना की जानकारी लोगों को दी और करीबियों को बुला लिया।

इधर गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी जमा हो गए। अमलधारी को तुरंत वहां से उठाकर सैदपुर सरकारी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए अमलधारी को वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। हॉस्पिटल से निकलने के करीब 20 मिनट के भीतर ही सपा नेता की मौत हो गई।

मृत सपा नेता अमलधारी यादव की फाइल फोटो

इलाके में फैल फायरिंग की बात

अमलधारी के गोली लगने के बात इलाके में पहुंचने लगी। जो जहां से सुना वो घटना स्थल की ओर भागा। इधर लोगों तक मौत की खबर भी पहुंच गई। बड़ी संख्या में इलाके के लोग और समर्थक नंदगंज पहुंच गए और हाइवे जाम कर दिया। गाजीपुर जिले के करीब सभी बड़े नेता भी नंदगंज पहुंचे और हत्या को लेकर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया।

भीड़ पुलिस कप्तान को बुलाओ के नारे लगाती रही

सपा नेता की हत्या के बाद हाईवे पर भीड़ बढ़ती ही जा रही थी। जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी खूब हो रही थी। पुलिस कप्तान को बुलाने की जिद पर लोग सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करते रहे। मौके पर मौजूद नंदगंज समेत आसपास के थानों की पुलिस जब मामले को नहीं संभाल सकी तो पुलिस कप्तान ओमवीर सिंह को घटना से अवगत कराया गया। जानकारी के बाद एसपी गाजीपुर मौके पर पहुंचे। इधर हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लगी रही।

करीब तीन घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद पुलिस कप्तान आक्रोशित भीड़ को समझा सके। एसपी ने कहा कि जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। जिसके बाद सपा नेता के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और भीड़ वहां से वापस गई।

भाई ने थाने पर तहरीर दी

इधर अमलधारी के भाई रामनगीना की तहरीर पर नंदगंज थाना पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया। इसमें सिहोरी गांव के विशाल पासी, धर्म पाल, सत्यपाल पासी और विनय राय के खिलाफ केस दर्ज हुआ। दो अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा कायम किया गया।

पुलिस ने दबिश शुरू की

नंदगंज थाना पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश शुरू कर दी। सिहोरी गांव समेत आरोपियों के रिश्तेदारों और करीबियों के यहां पुलिस पहुंची और पूछताछ की। 31 जनवरी के बाद से ही पुलिस जल्द गिरफ्तारी के वादे कर रही है। पर अभी उसके हाथ एक भी आरोपी नहीं आ सका।

सपा नेता अमलधारी के भाई की थाने में तहरीर के मुताबिक करीब तीन साल पहले हुए प्रधानी के चुनावी रंजिश में भाई की हत्या की गई। रामनगीना की मानें तो आरोपियों की नजर में उनका परिवार तभी से खटक रहा था और आरोपी हमले की ताक में थे। आखिरकार उन्होंने भाई को मार ही दिया।

मृतक के घर पहुंचकर सपा नेताओं ने परिवार के लोगों से मुलाकात करते हुए।

सत्ता को लेकर शुरू हुई थी रंजिश

अमलधारी के भाई ने बताया कि आरोपी विशाल पासी और उसके परिवार का सिहोरी गांव की प्रधानी पर लंबे समय से कब्जा था। पिछले चुनाव में विशाल पासी की पत्नी के सामने अमलधारी ने अपने भतीजे की पत्नी को चुनाव मैदान में उतार दिया। इस चुनाव में बड़े अंतर से अमलधारी परिवार की बहू ने जीत दर्ज कर लिया। विशाल पासी की पत्नी को हार का सामना करना पड़ा।

रामनगीना बताते हैं कि विशाल प्रधानी की सत्ता जाने से ही घबरा गया। वो हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। चुनाव में हार के बाद से ही वो अक्सर अमलधारी और उनके परिवार से बदले की रंजिश रखता था। कुछ मौकों पर वो नोंकझोक भी किया था। जैसे ही 31 जनवरी को मौका पाया उसने भाई के सीने में गोली उतार दी।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अमलधारी के करीबी शशिकांत राय की हत्या मामले में विशाल पासी आरोपी बनाया गया था। वहीं कुछ वर्षों पूर्व विशाल पासी के भांजे की हत्या में अमलधारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। इन्हीं सब को लेकर अमलधारी यादव और विशाल पासी के बीच लंबे समय से रंजिश चली आ रही थी। इस बीच विशाल पासी जेल में भी रहा।

सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने बताया कि अमलधारी यादव समाजवादी पार्टी के सेक्टर पर्यवेक्षक के पद पर रहे हैं। वह समाजवादी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। समाजवादी पार्टी उनके हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए हर तरह का संघर्ष करने को तैयार है।

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