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गाजीपुर में 45 परीक्षा केंद्रों पर संपन्न हुई यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा, कुल 25 गिरफ्तार

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा 2 दिन में चार पालियों के साथ संपन्न हो गई, लेकिन गड़बड़ी फैलाने वाले कैसे-कैसे हथकंडे अपना सकते हैं, इसका खुलासा भी हुआ। यह अलग बात है कि हाईटेक टेक्नोलॉजी और पुलिस की सतर्कता के चलते जिले में सॉल्वर गैंग और मुन्ना भाइयों के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए। पुलिस ने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से सॉल्वर गैंग के 25 लोगों को गिरफ्तार किया है।
गुजरात से लेकर बिहार तक जुड़े मिले तार
एक तरफ जहां गुजरात में बैठे सॉल्वर गैंग के सरगना ने पेपर लीक करने की प्लानिंग तैयार कर रखी थी वहीं बिहार के रहने वाले मुन्ना भाइयों ने परीक्षा केंद्रों पर लगाए गए सिक्योरिटी सिस्टम की आंखों में धूल झोंकने का भरपूर प्रयास किया। लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते यह सभी सलाखों के पीछे भेज दिए गए।

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा से पहले ही सॉल्वर गैंग के आठ बदमाशों को किया गिरफ्तार
परीक्षा के पहले ही पेपर लीक करने का प्रयास करने वाले नकल माफियाओं के गैंग के सरगना समेत 8 सदस्यों को दबोच लिया गया। जिनके कब्जे से 06 लाख रुपए नगद, 21 लाख रुपए का चेक व भारी मात्रा में कूटरचित दस्तावेज तथा मोबाइल/इलेक्ट्रानिक डिवाइस बरामद हुआ।
पुलिस की गिरफ्त में सॉल्वर।

इस संगठित गिरोह में डीएलडब्ल्यू वाराणसी के रहने वाले किशन मिश्रा और सुनील मिश्रा का नाम भी सामने आया है, जो प्रश्न पत्र आउट कराने और सॉल्व कराने में सहयोग करते थे।
गाजीपुर जिले में 45 परीक्षा केंद्रों पर 2 दिन चली परीक्षा
गाजीपुर में 72000 अभ्यर्थियों के लिए 45 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिनमें 17 और 18 फरवरी को चार पालियों में परीक्षाएं संपन्न हुई। पहले दिन हुई इस परीक्षा में दोनों पाली में 34678 परीक्षार्थी उपस्थित थे जबकि 1322 ने परीक्षा नहीं दी।

दूसरे दिन 33675 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए और 2325 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। परीक्षा नकलविहीन सकुशल संपन्न कराने के लिए स्टेटिक मजिस्ट्रेट, ऑब्जर्वर और केंद्र व्यवस्थापकों की तैनाती की गई थी। इसके साथ ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी मुस्तैद रही।

सॉल्वर गिरोह का सरगना शहर कोतवाली क्षेत्र के खिदिराबाद निवासी पिन्टू यादव उर्फ गोपेश यादव उर्फ नीरज यादव उर्फ मास्टर उर्फ सिपाही गुजरात के पोरबंदर में कोस्ट गार्ड के रूप में तैनात रहा है और वहीं से अपने पूरे नेटवर्क को संचालित करता रहा है।
गाजीपुर में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले बिहार के तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस बिहार कनेक्शन की छानबीन में जुटी है।
गुजरात में बैठे-बैठे पूरी प्लानिंग करने के बाद परीक्षा से चंद दिन पहले ही वह प्लेन के जरिए गाजीपुर पहुंचा था और परीक्षा समाप्ति के बाद गैंग के बाकी सदस्यों से लेनदेन पूरी कर वापस गुजरात जाने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने परीक्षा से पहले ही उसे और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया, जिससे पेपर लीक कराने का प्रयास विफल हो गया।

पुलिस आरक्षी परीक्षा के पहले दिन पेपर लीक की अफवाह फैलाकर परीक्षा को प्रभावित करने के प्रयास के आरोप में आठ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जिनमें सैदपुर कोतवाली पुलिस ने पांच जबकि सादात थाना पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। वहीं अगले दिन यानी दूसरे दिन की परीक्षा में जिले के विभिन्न थानाक्षेत्रों में पांच मुन्नाभाइयों समेत नौ लोग गिरफ्तार किए गए।

सॉल्वर गैंग के तार गुजरात से जुड़ने के बाद मुन्ना भाइयों का कनेक्शन बिहार से जुड़ा मिला। दूसरे दिन रविवार को हुई दो पालियों में परीक्षा के दौरान पांच मुन्ना भाइयों समेत नौ लोग गिरफ्तार किए गए। दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वालों में तीन मुन्ना भाई बिहार राज्य के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं।

इनमें जिले की पुलिस ने सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के एक परीक्षा केंद्र से दो अभ्यर्थियों समेत दो मुन्ना भाइयों को गिरफ्तार किया है, वहीं मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र से एक मुन्ना भाई, दिलदारनगर थाना क्षेत्र से एक अभ्यर्थी और एक मुन्ना भाई तथा सुहवल थाना क्षेत्र से एक अभ्यर्थी और एक मुन्ना भाई गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पूरे मामले में बिहार कनेक्शन की डिटेल छानबीन में जुटी हुई है।

सबसे बड़ा सवाल... हाईटेक सिक्योरिटी सिस्टम को कैसे किया पार?
पूरे मामले में बड़ा सवाल यह सामने उभर कर आया है कि तमाम सतर्कताओं, पुलिस और अफसरों की तैनाती, फिंगरप्रिंट एवं फेस रीडिंग जांच प्रक्रिया के बावजूद आखिरकार इतने मुन्ना भाई दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र में एंट्री कैसे पाएं? किस तकनीक का प्रयोग करते हुए उन्होंने सारे सिक्योरिटी सिस्टम की आंख में धूल झोंकने का काम किया?
शहर कोतवाल दीनदयाल पांडेय ने बताया कि 40 से 50 हजार रुपए के एवज में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने की डील गिरफ्तार मुन्ना भाइयों ने की थी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि तमाम जांच प्रक्रियाओं से गुजरते हुए दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र में घुसे बदमाशों ने फिंगरप्रिंट जांच को भी पार कर लिया और परीक्षा में बैठ भी गए।
हाईटेक सिक्योरिटी के बीच चल रही पुलिस भर्ती परीक्षा की निगरानी दिल्ली में बैठे कंट्रोल रूम के अधिकारी भी कर रहे थे। फेस मिलान के दौरान संदिग्ध प्रतीत होने पर उन्होंने कंफर्म करने के लिए केंद्र को सूचित किया, तब जाकर ये गिरफ्तार हुए। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि विभिन्न थाना क्षेत्र में कुल नौ लोग गिरफ्तार हुए हैं, जिनकी छानबीन चल रही है।
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