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मात्र 18 हजार के लिए बहनोई से मिलकर पति को उतारा मौत के घाट, फिर उड़ा दी ये..अफवाह; ऐसे खुला बीवी का राज

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, बरेली. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूनम कुमारी ने मात्र 18 हजार रुपए के लिए पति नरेंद्र कुमार गंगवार की जान ले ली। वारदात के बाद पति के आत्महत्या किये जाने की अफवाह भी फैला दी, लेकिन वह अपनी ही कहानी में फंस गई। पुलिस ने बाथरूम से तमंचा बरामद करने के बाद सवाल किए तो उसने पूरी कहानी स्वीकार कर ली।
मृतक नरेंद्र कुमार गंगवार की फाइल फोटो।
नरेंद्र के पिता रामकृष्ण ने महिला के बहनोई ओमप्रकाश पर घटना का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। शिकायती पत्र पर पुलिस ने आरोपित पूनम व ओमप्रकाश के विरुद्ध प्राथमिकी लिख ली। आरोपित महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
बारादरी पुलिस के अनुसार, नरेंद्र कुमार गंगवार मूलरूप से भुता के मिर्जापुर गांव के निवासी थे। वर्ष 2001 में नवाबगंज के रत्नापुर नंद गांव की रहने वाली पूनम कुमारी से उनकी शादी हुई। हरूनगला के सरस्वती विहार में मकान बनवाने के बाद वह वर्ष 2018 में पत्नी व बच्चों संग यहां रहने लगे। पास में ही सेना में तैनात दूसरे भाई सुरेंद्र पाल का भी मकान है। मंगलवार की रात पत्नी पूनम मुहल्ले में रहने वाले एक रिश्तेदार के घर जन्मदिन कार्यक्रम में पहुंची। वहां से देररात वह बेटे संग वापस आईं। बेटा निशांत अपने कमरे में चला गया। इसके बाद पूनम व नरेंद्र में विवाद शुरू हो गया।
नरेंद्र ने पूनम पर 18 हजार रुपए चुराने का आरोप लगाया, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। पूनम तमंचा निकाल लाई और नरेंद्र के सीने पर गोली मार दी। खून से लथपथ होकर नरेंद्र गिर गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। पुलिस के पहुंचने पर सुरेंद्र पाल की पत्नी सुमंगला ने भोर में पौने चार बजे ससुर रामकृष्ण को फोन कर बताया कि नरेंद्र के घर पुलिस पहुंची है। घरवाले पहुंचे तो नरेंद्र का शव पड़ा था।
बारादरी इंस्पेक्टर अमित पांडेय ने पूनम से घटना के संबंध में पूछा। पहले उन्होंने पति द्वारा गोली मारकर आत्महत्या किए जाने की बात कही। तमंचा न मिलने पर उन्होंने असल कहानी स्वीकारी। बताया कि 18 हजार रुपए को लेकर पति से विवाद हुआ। इसी के बाद वह मारने के लिए तमंचा निकाल लाए। छीनाझपटी में उनसे गोली चल गई जो पति के सीने में जा लगी और उनकी मौत हो गई। पूनम की निशानदेही पर ही पुलिस ने बाथरूम से तमंचा बरामद किया जो आरोपित ने छिपाकर रखा था। तमंचा बरामद करने के साथ ही पुलिस आरोपित महिला को लेकर थाने पहुंची और शिकायती पत्र पर प्राथमिकी लिख ली।
नरेंद्र के पिता रामकृष्ण ने बताया कि रात पौने दो बजे बेटे नरेंद्र का फोन आया। उसने बताया कि पापा पूनम ने 18 हजार रुपये चुरा लिए हैं। इस संबंध में जब उससे कहा तो उसने विवाद शुरू कर दिया। झगड़ा करने पर आमादा है। इस पर बेटे को समझाते हुए कहा कि शांत होकर सो जाओ। सुबह घर आते हैं। इसी बीच उसने कहा कि पापा पूनम तमंचा निकाल लाई है। फिर आगे कुछ बोल पाता कि फोन कट गया। पौने चार बजे बहू सुमंगला ने फोन कर पुलिस आने की बात कही। तभी अनहोनी का अंदेशा हुआ। फिर पता चला कि पूनम ने बेटे की हत्या कर दी है।
रामकृष्ण के अनुसार, पूनम का व्यवहार शुरू से ठीक नहीं था। छोटी-छोटी बात पर वह बेटे से झगड़ा करती थी। वह पीलीभीत के जहानाबाद स्थित ललौरीखेड़ा निवासी अपने बहनोई ओमप्रकाश के लगातार संपर्क में रहती थी। ओमप्रकाश ही पूनम को बेटे से दुर्व्यवहार के लिए प्रेरित करता था। उसी ने पूनम को तमंचा लाकर दिया और भड़काकर बेटे की हत्या करा दी।
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