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बसपा ने अंबेडकर जयंती के दिन गाजीपुर से डॉ. उमेश सिंह को उतारा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बसपा ने अंबेडकर जयंती के दिन गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से डॉ उमेश सिंह को अपना कैंडिडेट बनाया है। डॉ उमेश सिंह मूलतः गाजीपुर जिले के सैदपुर के मुड़ियार गांव के रहने वाले हैं। वह छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में आए हैं और पेशे से वकील हैं। उमेश ने बसपा कैंडिडेट बनाए जाने पर मीडिया बातचीत की।
डॉ उमेश सिंह की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा गांव से ही हुई। इसके बाद वह स्नातक करने काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी गए। बीएचयू से विज्ञान वर्ग से स्नातक कर एलएलबी और एलएलएम की भी डिग्री हासिल की। इस दौरान वह छात्र राजनीति मे भी सक्रिय रहे। 1991-92 में वह BHU के छात्रसंघ महामंत्री चुने गए। नेट की परीक्षा पास कर इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून (लॉ) में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की।

उन्होंने बताया कि पढ़ाई के बाद वह उत्तर भारत में पटना से लेकर दिल्ली तक विद्यार्थियों के मुद्दों पर छात्र युवा संघर्ष मोर्चा बनाकर अंदोलनरत रहे। उमेश के अनुसार वह छात्र जीवन के बाद विधि और संविधान की मजबूत वकालत करने के क्रम में उच्चतम न्यायालय, दिल्ली में अधिवक्ता भी रहे। भारतीय राजनीति में संघर्ष की पृष्ठभूमि के कारण उमेश ने बताया कि उन्हें उस समय के बड़े नेता पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह के साथ जनमोर्चा में भी कुछ समय साथ काम करने का अवसर मिला।
जब देश मे अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्र्ष्टाचार के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आगाज हुआ। उमेश भी अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ,जनरल वीके सिह, प्रो आनन्द कुमार, प्रो योगेंद्र यादव, पूर्व आईपीएस किरण बेदी के साथ इस आंदोलन की कोर टीम में शामिल रहे।
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