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वाराणसी के नए जिला जज संजीव पांडेय ने संभाला कामकाज, आज कोर्ट में सुनेंगे ज्ञानवापी के लंबित मुकदमे

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में जिला जज की खाली अदालत में आज लगभग ढ़ाई महीने बाद आज शुक्रवार को पीठासीन अधिकारी मुकदमों की सुनवाई करेंगे। गुरुवार को वाराणसी पहुंचे नए जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव पांडेय ने कार्यभार संभाला। जिला जज ने औपचारिकताएं पूरी करने के साथ ही प्रमुख जानकारियां भी ली। आज सुबह 10 बजे वे पहले दिन कोर्ट में मुकदमे सुनेंगे और ज्ञानवापी जैसे अहम केस की भी सुनवाई करेंगे। उन्होंने लंबित मुकदमों में तेजी लाने की बात कही है।
उन्होंने बताया कि अदालतों में लंबित मुकदमों की सुनवाई सुनिश्चित कराए जाने और इसके शीघ्र निस्तारण पर जोर रहेगा। सर्वोच्च व उच्च न्यायालय की ओर से जिन मुकदमों में त्वरित सुनवाई का आदेश दिया गया है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। न्यायिक व्यवस्था सुदृढ़ की जाएगी। अधिवक्ताओं की जो भी समस्याएं उनकी संज्ञान में लायी जाएंगी उसे सुलझाने का पूरा प्रयास करेंगे।

बता दें हाईकोर्ट की ओर से विगत सप्ताह जारी आदेश में सीनियर जज संजीव पांडेय को वाराणसी का नया जिला जज बनाया गया है। वे वाराणसी से पहले इसी पद पर बागपत में कार्यरत थे और उनकी तैनाती लंबे समय तक बिजनौर में रही है। न्यायिक अधिकारियों में तेज तर्रार होने के चलते उन्हें वाराणसी में नए जिला जज के तौर पर तैनाती दी गई है। यह पीठ पूर्व जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की सेवानिवृत्ति के बाद से खाली थी। 31 जनवरी के बाद किसी प्रभारी जिला जज सभी गतिविधियों को संभाल रहे थे।

हाईकोर्ट ने 2011 बैच में ज्यूडिशियल सेवा में आए जज संजीव कुमार पांडे को वाराणसी के नए जिला जज के तौर पर तैनाती दी है। मूलरूप से चंडीगढ़ के निवासी संजीव पांडे वर्तमान में बागपत में 1 नवंबर 2022 से जिला जज के रूप में कार्यरत थे।

उनकी पहली तैनाती 2011 में एडीजे सहारनपुर में रही, इसके बाद 2014 से 2018 तक चंडीगढ़ प्राधिकरण में रजिस्ट्रार रहे। 2018 में फिर बिजनौर में एडीजे बनकर लौटे संजीव पांडे 2022 तक बिजनौर में तैनात रहे। इस दौरान स्पेशल जज, प्रिंसिपल जज तक प्रोन्नत भी हुए। अब वाराणसी में जिला जज का चार्ज संभाला है।

ज्ञानवापी के केस जिला जज की चुनौती

वाराणसी में चार्ज लेने के बाद नए जिला जज की सबसे बड़ी चुनौती ज्ञानवापी से जुड़े केस होंगे। दोनों पक्षों के साक्ष्य, दलील और फिर एएसआई रिपोर्ट के आधार पर न्याय करना बड़ी परीक्षा होगी। मूलवाद, श्रृंगार गौरी, आदि विश्वेश्वर, लार्ड विश्वेवर, पूजा का अधिकारी, एएसआई सर्वे, कार्बन डेटिंग समेत 20 से अधिक मुकदमों की सुनवाई करनी होंगी। वे आज पहले दिन ही ज्ञानवापी की लंबित याचिकाओं की सुनवाई करेंगे।

लंबे समय से लंबित केस की सुनवाई को जल्द फैसले की ओर ले जाना होगा तो इसके अतिरिक्त हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केसों में समन्वय बनाना होगा। हाईकोर्ट पहले ही कई केस को पूरा करने के लिए गाइडलाइन और आदेश दे चुका है। अब तक कई ऐतिहासिक फैसलों के बाद हिन्दू पक्ष को नए जिला जज से कई उम्मीदें हैं तो मुस्लिम पक्ष भी न्याय की आस लगाए है।
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