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IIT खड़गपुर के उपनिदेशक प्रो. अमित पात्रा अब IIT BHU के नए डायरेक्टर होंगे

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. IIT BHU में लगभग छह साल बाद नए डायरेक्टर की तैनाती की गई। आईआईटी खड़गपुर के उपनिदेशक प्रो. अमित पात्रा अब IIT-BHU के नए निदेशक होंगे। निवर्तमान निदेशक का कार्यकाल पूरा होने के लगभग दस महीने बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद की ओर से पत्र जारी कर इसकी घोषणा दी गई, वहीं नए निदेशक के ज्वाइनिंग के बाद प्रोफेसर प्रमोद जैन आईआईटी रुड़की लौट जाएंगे। उन्होंने दस महीने के इंतजार के बाद आईआईटी बीएचयू को नया निदेशक मिलने पर बीएचयू के संस्थान में हलचल मची है।

गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद ने IIT खड़गपुर के डिप्टी डायरेक्टर प्रो. अमित पात्रा को IIT-BHU का नया डायरेक्टर नियुक्त किया। काउंसिल ने नियुक्त पत्र जारी करते हुए उन्हें डिप्टी डायरेक्टर से डायरेक्टर पद पर प्रोन्नति और तैनाती दी। प्रो. अमित पात्रा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के देश के जाने माने एक्सपर्ट हैं।

उन्होंने IIT खड़गपुर से 1984 में B-Tech और 1986 में M-Tech में किया। 1987 में IIT खड़गपुर परिसर में तैनाती पाई और फिर 1990 में Phd. पूरी की। इसके बाद प्रोफेसर पात्रा ने रूहर यूनिवर्सिटी जर्मनी से पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप की।

आईआईटी खड़गपुर के उपनिदेशक प्रो. अमित पात्रा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में देश का जाना-माना नाम है। प्रो. अमित पात्रा IIT खड़गपुर में डीन अंतरराष्ट्रीय संबंध और एलुमुनाई के अलावा कई एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट पर रहने के साथ ही वह 2013 से संस्थान के विकास एडवाइजर का पद भी संभाल रहे हैं। उन्होंने 200 से ज्यादा रिसर्च पेपर छापे हैं और 20 से ज्यादा छात्रों को Phd कराया है।

IIT-BHU के निवर्तमान डायरेक्टर प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने 1 जुलाई 2018 को आईआईटी बीएचयू के निदेशक का पदभार संभाला था। नए डारेक्टर के आने पर प्रो. प्रमोद कुमार जैन आईआईटी रुड़की में अपनी मूल नियुक्ति पर लौट जाएंगे। पहले उनके ही एक्सटेंशन की चर्चाएं थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

बीएचयू के विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक और स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी में कार्यरत वरिष्ठ आचार्य प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी को काउंसिल ने नई जिम्मेदारी दी है। उन्हें भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान मोहाली के निदेशक पद पर तैनाती दी गई है। इस संस्थान में उनकी नियुक्ति पांच वर्ष की अवधि के लिए होगी। प्रोफेसर अनिल त्रिपाठी को शिक्षण एवं शोध कार्य में लगभग 40 वर्ष का अनुभव है।

एके त्रिपाठी ने कई पदों पर निभाई जिम्मेदारी

प्रोफेसर अनिल कुमार त्रिपाठी ने 1990 से BHU में नौकरी ज्वाइन की थी, इसके बाद लगातार अध्यापन के बीच कई बड़े पदों पर रहे। वे वर्ष-2002 से 2004 तक वह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफेसर भी कार्यरत रहे। फरवरी-2019 से जनवरी-2024 तक BHU के विज्ञान संस्थान के निदेशक रहे।

अनिल त्रिपाठी BHU में महत्वपूर्ण प्रशासनिक और शैक्षणिक पदों पर रहते हुए उन्होंने कई परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। उनके मार्गदर्शन में 22 पीएचडी शोध हुए हैं। इसके अलावा उन्हें जेसी बोस नेशनल फेलोशिप, डॉ. राजेंद्र प्रसाद ओरेशन अवार्ड, सीएसआईआर टेक्नोलॉजी अवार्ड इन लाइफ साइंस जैसे सम्मान मिल चुके हैं। वह इंडियन एकेडमी ऑफ साइंस बेंगलुरु, इंडियन नेशनल साइंस अकादमी, नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेस इलाहाबाद और राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के फेलो भी हैं।
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