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धर्मेंद्र यादव ने मुख्तार अंसारी की कब्र पर चढ़ाए फूल, अफजाल और पुत्र उमर से भी मिले

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सपा नेता और आजमगढ़ लोकसभा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव सोमवार को मुख्तार अंसारी के घर पहुंचे। सबसे पहले धर्मेंद्र मुख्तार अंसारी की कब्र पर पहुंचे और फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। धर्मेंद्र के साथ सपा नेता बलराम यादव और बड़ी संख्या में स्थानीय नेता मौजूद रहे।
धर्मेंद्र ने मुख्तार की कब्र पर फूल चढ़ाए।
इसके बाद धर्मेंद्र यूसुफपुर फाटक पहुंचे। यहां अफजाल अंसारी के साथ करीब 30 मिनट तक बातचीत की। धर्मेंद्र ने कहा, वह परिवार के इस दुख की घड़ी में साथ हैं। परिवार ने जो जहर देने का आरोप लगाया है उसका जवाब सरकार को देना चाहिए।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर जो निर्णय होगा उसके अनुसार आगे की कार्रवाई होगी। धर्मेंद्र ने कहा, मुख्तार अंसारी की मौत की सीबीआई जांच होनी चाहिए। अफजाल अंसारी गाजीपुर सीट से सांसद हैं। सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए उन्हे इस बार मैदान में उतारा है। मुख्तार के जनाजे के दिन अफजाल अंसारी और गाजीपुर की डीएम आर्यका अखौरी के बीच बहस हो गई थी। धर्मेंद्र ने मुहम्मदाबाद पहुंचकर साफ कर दिया है कि पूरी पार्टी अफजाल के साथ खड़ी है।

रविवार की रात मुख्तार अंसारी के घर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी पहुंचे थे। उन्होने मुख्तार के बेटे उमर से मुलाकात की थी। हालांकि ओवैसी से अफजाल और परिवार के अन्य लोग नहीं मिले थे। मीडिया को भी ओवैसी से दूर रखा गया था। बताया जा रहा है कि राजनैतिक कारणों से परिवार ने दूरी बनाये रखी।

मुख्तार अंसारी का परिवार उन्हे में जहर दिये जाने का आरोप लगा रहा है। बांदा में मुख्तार के बेटे ने कहा था वो मौत की जांच के लिए न्यायालय जाएंगे, वहीं अफजाल अंसारी ने कहा कि उनके पास जेल में जहर दिये जाने के सबूत हैं। समय आने पर वो सबूत सामने लाएंगे। अब धर्मेंद्र यादव ने जांच की मांग की है।
सपा नेता धर्मेंद्र यादव यादव अफजाल अंसारी और उनके परिवार के लोगों के साथ।
अंसारी परिवार का गाजीपुर, मऊ आजमगढ़ वाराणसी समेत आसपास के जिलों में बड़ा सियासी रसूख माना जाता है। कभी सपा-बसपा कभी निर्दल भी अंसारी परिवार की जीत हुई। अंसारी परिवार के सदस्य कुल 16 बार सांसद-विधायक बने। 2017 में यूपी में भाजपा सरकार आने के बाद अंसारी परिवार पर शिकंजा कसा जाने लगा।

साल 1985 में मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से विधायक बने थे। उसके बाद वो लगातार 5 बार विधायक बने। 1996 में मुख्तार ने विधानसभा का चुनाव जीता। साल 2010 में अंसारी परिवार ने कौमी एकता दल की स्थापना की। साल 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कौमी एकता दल के सपा में विलय की बात तय हो गई। शिवपाल यादव ने हरी झंडी दी और अंसारी परिवार को पार्टी में खास तवज्जो दिए जाने का आश्वासन दिया। लेकिन अखिलेश ने इस डील को कैंसिल कर दिया। यहां से शिवपाल-अखिलेश की लड़ाई शुरू हुई बाद में शिवपाल को ही पार्टी से बाहर कर दिया गया। मुलायम परिवार की लड़ाई में पार्टी को भारी नुकसान हुआ।

मुख्तार की मौत और जहर के आरोप पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की भी प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होने कहा था कि जहर दिये जाने का सरकार पर जो आरोप लग रहा है, उसपर सरकार को जवाब देना चाहिए। हालांकि अजय राय के भाई अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को वाराणसी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिस पर अजय राय ने टिप्पणी करने से मना करते हुए कहा था कि जिसकी मौत हो गई उसपर टिप्पणी करना ठीक नहीं है।
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