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चंदन का टीका लगाने को लेकर बनारस अस्सी घाट पर भिड़े पंडा, जमकर हुई मारपीट

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बनारस में गोदौलिया चौराहा से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर मार्ग पर टीका-चंदन लगाने वाले दो व्यक्ति आपस में भिड़ गए। बीच सड़क पर दोनों में जमकर मारपीट हुई। इस दौरान किसी तरह दोनों को राहगीरों और स्थानीय लोगों ने शांत कराया। जिसके बाद पता चला कि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को टीका-चंदन लगाने की होड़ में दोनों की कहासुनी हुई। झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि मारपीट में होने लगी। अब इनका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा हैं।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर मार्ग पर दर्जनों टीका चंदन लगाने वालों की भीड़ रहती है। यह सभी पर्यटकों को टीका चंदन लगाने के लिए परेशान करते रहते हैं। अगर कोई टीका चंदन लगा देते है, तो मनचाहे पैसे भी मांगने लगते हैं। प्रशासन के सामने इन लोगों का मार्केट मंदिर और घाटों पर बढ़ता जा रहा हैं। लेकिन प्रशासन इन पर कोई लगाम नहीं लगा पा रही।

इस मामले में ACP प्रज्ञा पाठक ने कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम दर्शन-पूजन करने के लिए पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। देखा जा रहा की टीका चंदन लगाने वाले काफी ज्यादा हो गए हैं। हम इसका प्रचार-प्रसार करेंगे और जो भी अवैध रूप से यहां पर है। उन्हें हटाने का काम किया जाएगा। इसके लिए योजना बनाई जा रही है। जल्दी इस पर कार्रवाई की जाएगी।

चंदन-टीका को लेकर यह पहला मामला नहीं हैं। वाराणसी में आए दिन पर्यटकों को चन्दन लगाने के होड़ में दो पक्षों में कहासुनी हो जाती हैं‌। इससे पहले भी काशी के अस्सी घाट पर कुछ पर्यटक आए और गंगा स्नान के दौरान घाट के नीचे पंडों के पास टीका-चंदन लगवाने पहुंचे। टीका-चंदन के नाम पर पंडा ने 50 रुपए मांगे, इसे लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। गाली-गलौज के बाद मारपीट शुरू हो गई था। किसी तरह आसपास के लोगों ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कराया था।
अभिषेक शर्मा ने कहा कि टीका चंदन लगाने वालों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने कहा किया दुर्भाग्य है कि छोटे-छोटे बच्चों को भी उनके परिवार के लोग छोड़ देते हैं। वह लोग धूप में घूम-घूम कर टीका लगाते हैं। उन्होंने कहा कि टीका लगाने को लेकर दो पंडित आपस में भिड़ गए। इसका वीडियो सामने आया। काशी की छवि अच्छी नहीं जाती है।
अभिषेक ने आरोप लगाया कि अगर यह लोग टीका चंदन लगाते हैं। अपने मनमाने पैसे नहीं लेते हैं, तो यह श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार भी करते हैं। उन्होंने प्रशासन से यह मांग की है कि अभियान चलाकर इन्हें विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र से हटाया जाए।
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