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CM योगी बोले- बकरीद पर गाय और ऊंट की कुर्बानी नहीं होगी; अफसरों से कहा- तहरीर का इंतजार नहीं, तुरंत एक्शन हो

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. सीएम योगी ने सोमवार की शाम लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा की। सीएम ने कहा, 5 जून को गंगा दशहरा और 7 जून को बकरीद है। 24 जून को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी। यह समय लॉ एंड ऑर्डर के लिए बेहद अहम हैं। सभी डीएम और एसपी पुरानी घटनाओं से सबक लें। बकरीद पर किसी भी प्रतिबंधित पशुओं जैसे गाय-नीलगाय और ऊंट की कुर्बानी नहीं होनी चाहिए।

कुर्बानी के लिए जिलों में तय स्थान है। उससे अलग कहीं कुर्बानी हो तो कार्रवाई करें। सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। आस्था का सम्मान होना चाहिए, लेकिन उपद्रव बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संदिग्धों पर नजर रखी जाए। संवेदनशील क्षेत्र में पुलिस पैदल मार्च करे।

सीएम ने कहा, अगर कहीं विवाद की स्थिति बनती है तो पुलिस ‘तहरीर’ मिलने का इंतजार कतई न करे। तत्काल कदम उठाए जाएं। प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सौहार्द का माहौल बना रहना चाहिए। लॉ एंड ऑर्डर की इस मीटिंग में मुख्य सचिव मनोज सिंह, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद समेत कई सीनियर अफसर शामिल रहे। वहीं, मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट, रेंज और जिले के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे।

योगी बोले- अवैध स्लॉटर हाउस चलने न पाएं
सीएम योगी ने कहा, अवैध स्लॉटर हाउस किसी भी दशा में संचालित न हों। वैध स्लॉटर हाउस में निर्धारित क्षमता से अधिक पशु न रखे जाएं। खुले में मांस की बिक्री नहीं होनी चाहिए।
निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में हरा चारा, पानी आदि की समुचित व्यवस्था बनी रहे। तेज हवा व आंधी के कारण बाधित बिजली आपूर्ति की स्थिति में तत्काल रिस्पांस दिया जाए। बिजली आपूर्ति बाधित न होने पाए।

गंगा दशहरा के लिए गंगा नदी के घाटों की साफ-सफाई व साज-सज्जा कराई जाए। 4 जून को स्वच्छता कार्यक्रम चलाया जाए। 5 जून की शाम गंगा घाटों पर आरती कार्यक्रम कराया जाए। गोताखोरों, पीएसी फ्लड यूनिट, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ अलर्ट मोड पर रहें।

5 जून को 'एक पेड़ मां के नाम' पर पौधरोपण
मुख्यमंत्री ने कहा, 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर 'एक पेड़ मां के नाम' थीम पर पौधारोपण कराया जाए। इसमें सांसद, विधायक सहित सभी जन-प्रतिनिधि शामिल हों। 21 जून 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। जिलों में मास्टर ट्रेनर भेजे जाएं।

सीएम योगी ने प्रदेश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, यातायात नियमों की अनदेखी के कारण हादसे बढ़े हैं। रोड इंजीनियरिंग में सुधार, साइनेज, स्पीड ब्रेकर की व्यवस्था मुकम्मल की जाए। अवैध बस/ऑटो स्टैंड तत्काल हटाए जाएं। सड़क दुर्घटनाओं की ऑडिट कराकर जिम्मेदारी तय की जाए। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों में सिविल डिफेंस यूनिट के गठन के निर्देश भी दिए।

मौलाना ने कहा- मुसलमान कुर्बानी नहीं छोड़ सकता
बकरीद से पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा- इस बकरीद में कोई भी गाय ना काटने पाए। अगर ऐसा हुआ तो सरकार और प्रशासन दोनों के लिए समस्या खड़ी होगी। सभी गोभक्त अपने क्षेत्र में मुस्तैद रहें। बकरा ले जाकर काट दे रहे। ये कैसी परंपरा है।

उधर, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा- घरों में जीव हत्या नहीं करनी करनी चाहिए। अगर धर्म है तो उसकी एक जगह तय करिए। आप जिस कॉलोनी में रहते हैं, वहां हिंदू भी रहते हैं। आपके बच्चों को आदत हो सकती है, क्योंकि वह बचपन से देखते आए हैं। लेकिन, हमारे बच्चों के माइंड पर क्या साइड इफेक्ट पड़ेगा, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।

बरेली में मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा- हैदराबाद के टी राजा, मुंबई के नितीश राणे, लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर और स्वामी रामभद्राचार्य… ये सभी लोग कुर्बानी पर बैन की मांग कर रहे हैं, जबकि ये त्योहार कोई नया नहीं है। कुर्बानी 1450 साल पुरानी परंपरा है। कुर्बानी इस्लाम का अहम हिस्सा है। मुसलमान इसे नहीं छोड़ सकता।

अविमुक्तेश्वरानंद बोले- बकरा काटने की परंपरा समझ से परे
शंकराचार्य ने कहा- बकरीद आ रही है। इस पर्व को मुस्लिम समुदाय के लोग मनाते हैं। इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने एक सपना देखा, जिसमें अल्लाह ने उनसे कहा कि ऐ इब्राहिम तू मेरी राह में अपनी सबसे खास चीज कुर्बान कर दे। पैगंबर इब्राहिम के लिए सबसे खास उनके बेटे इस्माइल थे। वह उसको लेकर बली देने चले गए। इसी घटना की याद में बकरीद का पर्व मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक मुसलमान को अपनी प्रिय से प्रिय वस्तु अर्पित करनी चाहिए। मुसलमान ने अपनी प्रिय से प्रिय वस्तु अर्पित करने की परंपरा नहीं चलाई। बकरा ले जाकर काट दे रहे। यह कैसी परंपरा है, यह हम नहीं समझ पाते हैं।

चिढ़ाने के लिए कुछ मुस्लिम गाय की बली देते हैं
शंकराचार्य ने कहा - कुछ मुसलमान हमें चिढ़ाने के लिए गाय की भी हत्या करते हैं। भारत में कानून है, किसी भी पशु की हत्या नहीं की जा सकती है। गाय को लेकर हम कोमल और आदर्श की भावना रखते हैं। हम चाहेंगे कि कोई भी मुस्लिम अपने धर्म की परंपरा का निर्वहन करने के लिए कम से कम गौ माता की बलि देने का विचार त्याग दें।

उन्होंने सभी प्रदेशों की पुलिस से भी अपील करते हुए कहा- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गौ माता की बलि किसी भी प्रकार से चढ़ने ना पाए। अगर ऐसी घटना कहीं होगी तो हिंदू समुदाय को बहुत बड़ी पीड़ा होगी।

गोभक्त अपने क्षेत्र में मुस्तैद रहें
शंकराचार्य ने चेतावनी दी कि अगर इस पीड़ा को उत्पन्न किया जाएगा तो प्रशासनिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इस घटना का तत्कालीन परिणाम आ सकता है, जिस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में चुस्त और दुरुस्त रहे। कहीं भी गाय और बैल की बली बकरीद के नाम पर ना दी जा सके। पूरे देश की सरकार से यह निवेदन है। जितने भी गोभक्त हैं, वह कानून को बिना हाथ में लिए गोमाता की हत्या होने से बचाने का काम करें।
 
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