दरोगा ने पहले बदमाश को भगाया फिर पकड़ने पहुंचा, ट्रॉली बैग लेकर भागा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. कानपुर में दरोगा ने दबिश देने से पहले खुद मुखबिरी की। वह बाइक से एक कॉन्स्टेबल के साथ आया। बदमाश से कहा कि दबिश देने आ रहा हूं, भाग जाओ। इसके बाद बदमाश वहां से आराम से भाग गया।
इसके थोड़ी ही देर बाद दरोगा आदित्य बाजपेई नाटकीय ढंग से फोर्स लेकर बदमाश अनूप शुक्ला के घर दबिश देने गया, लेकिन अनूप वहां नहीं मिला। ये पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। पूरी घटना 11 जून की है, जिसका सीसीटीवी आज सामने आया है। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने इस मामले में दरोगा और कॉन्स्टेबल को सस्पेंड करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। मामला दीनू गैंग से जुड़ा है।
कानपुर के नवाबगंज में रहने वाले दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज को पुलिस ने पिंटू सेंगर मर्डर केस में 10 मई, 2025 को जेल भेजा था। दीनू के जाल जाते ही उसका जमीनों पर कब्जे और रंगदारी वसूलने का सिंडीकेट सामने आया था। दीनू के साथ ही 6 से ज्यादा मुकदमों में नवाबगंज के ही रहने वाले अधिवक्ता अनूप शुक्ला का भी नाम सामने आया था। इसके बाद से अनूप शुक्ला फरार चल रहा है। अब सामने आया है कि नवाबगंज थाने के जागेश्वर मंदिर चौकी इंचार्ज आदित्य बाजपेई ने ही अनूप को फरार कराया था।
सीसीटीवी में दिख रहा है कि चौकी इंचार्ज आदित्य बाजपेई अपने साथी कॉन्स्टेबल विजय राज के साथ बाइक से अनूप शुक्ला के घर के सामने पहुंचता है। वहां अनूप शुक्ला एक व्यक्ति के साथ ट्रॉली बैग लेकर पहले से मौजूद था। दरोगा आदित्य बाजपेई ने बाइक से पहुंचते ही उससे कुछ कहता है और फिर आगे बढ़ जाता है। इसके बाद दरोगा का इशारा मिलते ही अनूप शुक्ला वहां से ट्राॅली बैग लेकर भाग जाता है।
भागते हुए अनूप शुक्ला दरोगा को हाथ भी दिखाता है। दूसरी तरफ से दरोगा भी हंसते हुए इशारे में कुछ कहते हुए सीसीटीवी में कैद हुआ है। इसके बाद फिल्मी स्टाइल में अनूप भाग जाता है। फिर थोड़ी ही देर बाद दरोगा पुलिस फोर्स के साथ वहां दबिश देता है। सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने जांच का आदेश दिया है। साथ ही दरोगा को तलब किया गया है। डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि दीनू गैंग के साथी को भगाने का सीसीटीवी सामने आने के बाद दरोगा और कॉन्स्टेबल के खिलाफ जांच बैठा दी गई है। दोनों को सस्पेंड करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
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नीली शर्ट में दीनू उपाध्याय और उसके बाईं तरफ वकील अनूप शुक्ला है। अनूप को ही दरोगा ने दबिश की सूचना देकर भगाया था। |
इस घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया। लिखा- योगी सरकार में बदमाशों और पुलिस के बीच गठबंधन की एक मिसाल देखिए। कानपुर में पुलिस की टीम एक बदमाश को पकड़ने निकलती है। लेकिन, उससे पहले ही दरोगाजी अपने साथी के साथ बदमाश के पास पहुंच जाते हैं। उसे वहां से भागने का इशारा कर देते हैं। बदमाश भी इशारे को बखूबी समझते हुए वहां से रफू-चक्कर हो जाता है। जब पुलिस वाले अपने विभाग के ही सगे नहीं हैं, तो ये जनता के क्या खाक सगे होंगे?