तेंदुए से 15 मिनट तक लड़ा युवक, मुंह दबोचकर जमीन पर गिराया, ताबड़तोड़ मुक्के मारे
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखीमपुर. लखीमपुर में एक व्यक्ति मंगलवार को तेंदुआ से करीब 15 मिनट तक लड़ता रहा। उसने मुंह दबोचकर तेंदुआ को जमीन पर गिरा दिया। फिर एक हाथ से ताबड़तोड़ कई मुक्के मारे। तेंदुआ छटपटाता रहा।
लोगों ने तेंदुआ को ईंट-पत्थर मारे। चोट लगने के कारण तेंदुआ छोड़कर भाग गया। हमले में युवक भी बुरी तरह घायल हुआ है। सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची। तेंदुआ खेत में छिपकर बैठा था। वन कर्मियों ने जाल बिछाया तो तेंदुए ने टीम पर भी हमला कर दिया। हमले में वन दरोगा, सिपाही और दो ग्रामीण घायल हो गए।
इस घटना के ढाई घंटे बाद वन कर्मियों ने तेंदुए को ट्रेंक्यूलाइज करके उसे पकड़ लिया है। तेंदुए से लड़ने वाले युवक समेत 5 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। युवक का तेंदुए से भिड़ने का वीडियो सामने आया है। ईंट-भट्ठे पर काम कर रहे थे लोग, तभी किया हमला मामला धौरहरा वन रेंज के जुगनूपुर गांव का है। मंगलवार दोपहर करीब एक बजे मेड़ई लाल वर्मा के ईंट भट्ठे की चिमनी के पास कुछ लोग काम कर रहे थे। इसी दौरान खेत से निकल कर आए तेंदुए ने उनपर हमला कर दिया। इनमें गांव का मिहीलाल (42) भी था। मिहीलाल डरा नहीं, वह तेंदुए से भिड़ गया। वह तेंदुए पर कूद पड़ा और अपने दोनों हाथों से उसे जकड़ लिया।
युवक तेंदुए पर लद गया, उसे मुक्के मारे तेंदुए को ईंट की ढेर पर गिराकर मिहीलाल उसके ऊपर लद गया। तेंदुए को मुक्के मारने लगा। वहीं आसपास मौजूद लोग युवक को बचाने के लिए ईंटें चलाने लगे। चोट लगने पर तेंदुआ मिहीलाल को छोड़कर खेतों की तरफ चला गया। मिहीलाल के शरीर पर कई जगह तेंदुए के पंजे के निशान हैं।
तेंदुए ने वन विभाग की टीम पर भी किया हमला सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकारी नृपेंद्र चतुर्वेदी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। टीम केले के खेत में घुसे तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल लेकर आगे बढ़ी तो तेंदुए ने टीम पर हमला कर दिया।
हमले में वन दरोगा राजेश कुमार दीक्षित, रेंजर नृपेंद्र चतुर्वेदी, पीआरवी सिपाही राम सजीवन और गांव के इकबाल खां घायल हो गए।
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तेंदुए के हमले में घायल वन दरोगा राजेश दीक्षित को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। |
घायलों को पहले सीएचसी धौरहरा में भर्ती कराया गया। यहां शुरुआती इलाज के बाद मिहीलाल, इकबाल खां और वन दरोगा राजेश दीक्षित को लखीमपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। रेंजर नृपेंद्र चतुर्वेदी और आरक्षी राम सजीवन को मामूली चोटें आई थीं, जिन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
मिहिलाल बोले- हमारी लड़ाई करीब 15-20 मिनट चली मिहिलाल बोले- हम प्लांट पर पौधों को देखने जा रहे थे, तभी कुछ लोग कहने लगे कि तेंदुआ आया है। हम उसी रास्ते जा रहे थे, तो झांककर चिमनी के नीचे देखा। तभी वह अचानक निकलकर आया और हम पर हमला कर दिया।
सबसे पहले मेरे दाहिने हाथ पर हमला किया। फिर मैंने भी उसे पकड़ लिया। करीब 15-20 मिनट तक हमारी लड़ाई चली। इस दौरान पास खड़े लोगों ने उस पर ईंट-पत्थर भी फेंके। अंत में वह घबराकर भाग गया, फिर लोगों ने मुझे अस्पताल पहुंचाया।
वन रक्षक बोले- जैसे हम आगे बढ़े, तेंदुए ने हमला किया घायल वन रक्षक राजेश कुमार दीक्षित ने बताया- हम जेठपुरा में एक तेंदुए के रेस्क्यू अभियान में लगे हुए थे, तभी रास्ते में सूचना मिली कि एक अन्य तेंदुआ भट्टे के पास देखा गया है। कुछ लोग उसके साथ छेड़छाड़ कर रहे है।
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तेंदुए को वन कर्मियों ने पकड़ लिया है। इलाज के बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा। |
हम तुरंत दो-तीन कर्मचारियों को लेकर मौके पर पहुंचे। वहां भीड़ जमा थी। पहले हमने भीड़ को हटाया। इसके बाद तेंदुआ नजर आया। वह असामान्य स्थिति में था। जब मैं और डॉक्टर उसके परीक्षण के लिए आगे बढ़े तो तेंदुए ने हमला कर दिया। हमें अस्पताल लाया गया। फिर तेंदुए को ट्रेंक्युलाइज कर रेस्क्यू किया गया। हम लगभग ढाई बजे अस्पताल पहुंचे।
तेंदुए के हमले के बाद भट्ठे पर आसपास गांवों के सैकड़ों लोग जुट गए। मौके पर सीओ शमशेर बहादुर सिंह, थाना प्रभारी निरीक्षक सुरेश कुमार मिश्रा पहुंचे। पुलिस बल तैनात किया गया है। वन विभाग और पुलिस टीम ने लोगों को तितर-बितर किया।
तेंदुए से लड़ने वाले मिहीलाल के परिवार में पत्नी पुष्पा (40) के अलावा 5 बच्चे हैं। बेटा संजय (17) सबसे बड़ा है। बेटी रिंकी (15), पिंकी (12), गौरी (10) और शिवानी (8) है।
DFO सौरिश सहाय ने बताया- हमला करने वाला 3 साल का नर तेंदुआ है। उसके शरीर पर कोई बड़े घाव के निशान नहीं हैं। पेट और पूंछ के पास कुछ खरोंच आई है। लखनऊ के वन्यजीव विशेषज्ञों की निगरानी में रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया चल रही है। मॉनिटरिंग की जा रही है।