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रंगे हाथों दबोचा गया रिश्वतखोर मंडी निरीक्षक, लाइसेंस के लिए 22 हजार मांगे, 20 बार फोन किया

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. वाराणसी एंटीकरप्शन टीम ने सोमवार को पहाड़िया मंडी समिति में लाइसेंस जारी करने के लिए 22 हजार की रिश्वत मांगने वाले मंडी निरीक्षक को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने आरोपी को नगदी समेत मंडी परिसर में कार्यालय के बाहर से दबोच लिया। उसने व्यापारी को रिश्वत के रुपये लेकर कार्यालय में बुलाया था।
शिकायत पर टीम के लोग पहले से आसपास छिपे थे। जब व्यापारी ने रुपए दिए तो घेराबंदी कर कर्मचारी को रंगे हाथ दबोच लिया। उसे हिरासत में लेकर लालपुर थाने लाए। वहां हाथ धुलवाने पर नोटों में लगा रंग छूटने लगा और पानी गुलाबी हो गया। एंटी करप्शन टीम ने लालपुर-पांडेयपुर थाने में दाखिल करवाकर केस रजिस्टर्ड करवाया है।

एंटी करप्शन टीम के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि वाराणसी के शिवपुर थाना क्षेत्र के कोठान चांदमारी निवासी अजीत ओझा ने 15 जुलाई को एंटी करप्शन कार्यालय में रिश्वतखोर मंडी निरीक्षक के बारे में जानकारी दी। उसे रिश्वत नहीं देकर दंड दिलाने की बात कही।

कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि रुद्र ट्रेडिंग कम्पनी के नाम से एक मंडी लाइसेंस बनवाने के लिए 24 जून को ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन मंडी निरीक्षक ने 250 रुपये के वैध शुल्क के अतिरिक्त 22,000 रुपये की अवैध मांग की है। पहले ही पीड़ित ने इतनी बड़ी धनराशि देने से इनकार कर दिया।
कारोबार के लिए इतना रुपया देने में असमर्थता जताई, तब भी आरोपी मंडी निरीक्षक उस पर दबाव बनाता रहा। आवेदन के बाद से लगातार 20 से 25 बार फोन कर रिश्वत की मांग दोहराई और मिलने के लिए दबाव बनाया।

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एंटी करप्शन टीम ने 21 जुलाई को जाल बिछाया। सोमवार को मंडी निरीक्षक सतेंद्र नाथ ने अजीत ओझा को मिलने के लिए पहाड़िया मंडी के गेट नंबर-2, चेक पोस्ट संख्या-2 पर बुलाया। जैसे ही अजीत ओझा ने रिश्वत की रकम मंडी निरीक्षक को थमाया, एंटी करप्शन टीम ने आरोपी मंडी निरीक्षक को रंगे हाथ पकड़ लिया।

पूछताछ में कई लोगों के नाम बताए, जांच करेगी टीम
गिरफ्तार मंडी निरीक्षक को लालपुर-पांडेयपुर थाने लाया गया। वहां टीम ने उससे विस्तार से पूछताछ की। मामले में उसने इस भ्रष्टाचार में शामिल अन्य लोगों के भी नाम लिए, जिनके खिलाफ एंटी करप्शन टीम साक्ष्य जुटाएगी। आरोपी मंडी निरीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
 
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