गाजीपुर में ददरी घाट पर गंगा नदी में तैरता मिला पत्थर, किनारे लाकर पूजा शुरू
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के ददरी घाट में गंगा नदी में एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां ढाई से तीन क्विंटल वजनी एक पत्थर पानी में तैरता हुआ मिला है। स्थानीय मंदिर के पुजारी को कुछ भक्तों ने इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गंगा में तैरते हुए एक विशाल पत्थर को देखा गया। इसके बाद इसे किनारे पर लाया गया।
स्थानीय मंदिर से जुड़े लोगों ने कहा कि यह पत्थर त्रेतायुग का हो सकता है। उन्होंने इसे रामायण से जोड़कर देखा। रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम ने लंका जाने के लिए रामसेतु का निर्माण ऐसे ही तैरते पत्थरों से किया था।
मान्यता हैं कि भगवान राम की सेवा में लगे लोग प्रत्येक पत्थर पर उनका नाम अंकित करते थे और नल-नील को मिले आशीर्वाद के कारण उनके द्वारा स्पर्श किया गया कोई भी पत्थर पानी में डूबता नहीं था। इस अद्भुत पत्थर को देखने के लिए पहुंचे अश्विनी ने बताया कि यह है तो पत्थर ही, लेकिन पानी में तैर रहा है तो चमत्कार ही है।
पत्थर देखने के लिए पहुंचे उन्होंने कहा कि यह पत्थर राम सेतु से जुड़ा है कि नहीं, यह शोध का विषय है। बावजूद इसके लोग भक्ति में डूबे हुए हैं। वहीं ओमकार राय ने कहा कि जैसे ही हमें पता चला हम गोराबाजार से सिर्फ इसी पत्थर को देखने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही चमत्कार हमें भगवान की शक्ति से जोड़ते हैं।
लोगों ने शुरू की पूजा फिलहाल स्थानीय लोगों ने इस पत्थर की पूजा शुरू कर दी है। वे इसे रामेश्वरम के उन पत्थरों से जोड़कर देख रहे हैं। माना जाता है कि त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने इन्हीं पत्थरों से सेतु बनाया था। यह घटना अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।