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गाजीपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, कई गांवों का संपर्क कटा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। रविवार दोपहर 1 बजे तक जलस्तर 64.060 मीटर पहुंच गया, जो खतरा बिंदु को पार कर चुका है। जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। बढ़ते जलस्तर से तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

जिला आपदा विशेषज्ञ अशोक राय के अनुसार, गाजीपुर में 62.100 मीटर चेतावनी बिंदु माना जाता है। खतरे का निशान 63.105 मीटर निर्धारित है। वर्ष 2024 में गंगा का उच्च जलस्तर 63.670 मीटर दर्ज किया गया था। 2022 में यह 64.390 मीटर और 2021 में 64.680 मीटर अधिकतम जलस्तर दर्ज हुआ था।

बाढ़ से जिले की पांच तहसीलें प्रभावित हैं। इनमें सदर, सैदपुर, जमानिया, सेवराई और मुहम्मदाबाद के तटवर्ती इलाके शामिल हैं। किसानों के सैकड़ों बीघा खेत और फसलें जलमग्न हो गई हैं। कई संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। कुछ गांवों की तरफ भी पानी बढ़ गया है।

बाढ़ के खतरे को देखते हुए लोग पशुओं के लिए भूसा और अन्य सामान को सुरक्षित स्थानों पर रखने लगे हैं। रेवतीपुर में गंगा के बढ़ाव के कारण नगदीलपुर कामाख्या धाम मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। इससे वाहनों का आवागमन प्रभावित हो गया है। मोहम्मदाबाद क्षेत्र में भी कुछ संपर्क मार्गों और पुलिया पर पानी चढ़ाने से आवागमन प्रभावित है।

पैदल यात्री भी जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। बाढ के पानी से रेवतीपुर क्षेत्र के रामपुर, हसनपुरा, बीरऊपुर,नसीरपुर गाँव का सडक मार्ग जिले से सम्पर्क कट गया है। इसके चलते यहाँ के लोगों का एकमात्र सहारा नाव बचा है। शिक्षा विभाग ने बाढ प्रभावित नसीरपुर, हसनपुरा, अठहठा, बीरऊपुर, दुल्लहपुर रेवतीपुर दक्षिणी परिषदीय स्कूल बंद कर दिए है,और आनलाइन पढाई के निर्देश दिए है। देवरिया पुलिस चौकी बाढ़ प्रभावित होने के चलते शिफ्ट कर दी गई है। बाढ के कहर के बाद पीएसी के राहत एवं बचाव दल ने इन बाढ प्रभावित इलाकों में मोर्चा संम्भाल लिया है।

सैदपुर के कुसहीं, खरौना, छपरा, हथौड़ा, पटना, तेतारपुर, गौरी, गोरखा, गौरहट, सिधौना आदि गांवों में बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है। करंडा क्षेत्र के मोहबलपुर तुलसीपुर सोनहनपुर गांव में पानी घुस चुका है। बढ़ते जलस्तर के कारण प्रशासन अलर्ट मोड पर है। सदर, सेवराई, मोहम्मदाबाद, सैदपुर और जमानियां क्षेत्र के उपजिलाधिकारी प्रभावित गांवों का निरंतर स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं।

उपजिलाधिकारी मोहम्मदाबाद ने गांव सेमरा सहित प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया। प्राथमिक विद्यालय सेमरा प्रथम में बनाई गई बाढ़ चौकी में 10 परिवारों को सुरक्षित पुनर्वासित किया गया है।

जनपद में कुल 160 बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं और 44 बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं। सैदपुर तहसील में 30, जमानियां में 80, सेवराई में 61, मोहम्मदाबाद में 30, सदर में 132 और कासिमाबाद में 7 नावें तैनात की गई हैं।

मुख्य राजस्व अधिकारी आयुष चौधरी ने बताया कि जनपद में 7 बाढ़ राहत केंद्र बनाए गए हैं। सब्बलपुर कला में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सभी पशुओं और व्यक्तियों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।

सभी तहसीलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों और जानवरों के लिए शरणालय पूरी तरह तैयार हैं। संभावित प्रभावित आबादी, परिवारों की सूची और प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की जानकारी एकत्रित की जा चुकी है। संभावित फसल हानि का भी आकलन किया जा रहा है ताकि सूचनाओं के सत्यापन के बाद तत्काल सहायता वितरण में देरी न हो।

 
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