Cement Rate Today: सीमेंट का दाम सस्ता होने के बाद भी महंगा होगा घर बनाना, ईंट की कीमतें बढ़ी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. GST (वस्तु एवं सेवा कर) में कमी के बाद भी आशियाना बनाना सस्ता नहीं होगा। वजह सीमेंट पर मिली छूट को ईंट की बढ़तीं कीमतें निगल जाएंगी। इससे आम आदमी को राहत मिलने की उम्मीद करना बेमानी है। जीएसटी की संशोधित दरों के अनुसार सीमेंट को 28 प्रतिशत के स्लैब से निकालकर 18 प्रतिशत के स्लैब में डाल दिया गया है। इससे प्रति बोरी सीमेंट के दाम में 25 से 30 रुपये की कमी आई है। वहीं कोयले पर पहले पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था।
संशोधित दरों के तहत अब 18 फीसदी जीएसटी लग रही है। अभी ईंट भट्ठा व्यवसायी पुराने कोयले से काम चला रहे हैं। जब नई खरीदारी करेंगे तो कोयला महंगी मिलेगी। इससे ईंटों का दाम बढ़ना तय है। राजमिस्त्री मुकुंद ने बताया कि एक हजार वर्ग फीट मकान के भूतल के निर्माण में 150 बोरी सीमेंट की खपत होती है। सीमेंट से जीएसटी की दरें कम होने से 4500 रुपये की बचत होगी। वहीं एक बोरी सीमेंट में 250 ईंटों की जरूरत होती है।
इस तरह 150 बोरी सीमेंट में 37,500 ईंटों की खपत होती है। वहीं एक मीट्रिक टन कोयला 10 हजार रुपये का मिलता है। जिस पर 500 रुपये जीएसटी लगती है। अब 18 प्रतिशत की दर से 1800 रुपये जीएसटी देना होगा। इससे प्रति हजार ईंट में 500 रुपये का इजाफा हो जाएगा। वर्तमान में प्रति हजार ईंट 4500 से 5000 के करीब मिलता है। अब बढ़कर इनकी कीमत 5 हजार से 5500 रुपये हो जाएगी।
अन्य वस्तुओं में नहीं हुआ बदलाव-
जीएसटी की संशोधित दरों से केवल सीमेंट व कोयले के दाम पर असर पड़ा है। जबकि अन्य चीजें बजरी, टाइल्स, सरिया, बालू पहले की तरह 18 प्रतिशत के स्लैब में है।
कोयले पर जीएसटी की दरें बढ़ गई हैं। इससे ईंटें महंगी हो जाएंगी। अभी पुराने कोयले से कार्य चल रहा है। कोयले पर जीएसटी की बढ़ी हुई दरों को लेकर संगठन का राष्ट्रीय नेतृत्व वार्ता कर रहा है। उम्मीद है कि राहत मिलेगी। - लल्लन सिंह, महामंत्री जनपदीय ईंट निर्माता समिति