गाजीपुर डबल मर्डर केस में दोषी को उम्रकैद, 50 हजार का जुर्माना
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बढ़ईपुर गांव में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में अदालत ने लगभग दो साल बाद मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है। अपर सत्र जनपद न्यायाधीश शक्ति सिंह की अदालत ने मुख्य आरोपी रविंद्र बिंद को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने रविंद्र बिंद पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसके अतिरिक्त, आर्म्स एक्ट की धारा 4/25 के तहत आरोपी को दो साल की अतिरिक्त सजा और 5 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है। इस फैसले की पुष्टि एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने की।
यह घटना 28 जून 2023 की है, जब बढ़ईपुर गांव में रामलाल बिंद की बेटी खुशबू की सगाई का कार्यक्रम चल रहा था। समारोह में शामिल होने आए रिश्तेदार विकास बिंद और सुनील बिंद अपने साथी सुदामा बिंद के साथ रात के समय शौच के लिए खेत की ओर गए थे।
इसी दौरान आरोपी रविंद्र बिंद अपने दो अन्य साथियों के साथ वहां पहुंचा। उसने चाकू से ताबड़तोड़ वार कर विकास और सुनील की हत्या कर दी। घटना को देखकर सुदामा बिंद किसी तरह अपनी जान बचाकर मौके से भागने में सफल रहा, जो इस दोहरे हत्याकांड का एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी था।
अदालत में सुदामा बिंद की गवाही और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन पक्ष की कहानी को पूरी तरह सही माना गया। न्यायालय ने इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया। पुलिस ने इस मामले में केवल रविंद्र बिंद के खिलाफ ही चार्जशीट दाखिल की थी। उसके दो अन्य साथी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने न्याय मिलने पर संतोष व्यक्त किया है। वहीं, इलाके में इस न्यायिक निर्णय को लेकर चर्चा का माहौल बना हुआ है।
पति को 10 साल का कठोर कारावास, 22 हजार का जुर्माना
अलख कुमार की अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में आरोपी पति को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने पति को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इसी मामले में अदालत ने सास और ससुर को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि यह घटना 28 जनवरी 2020 को भुड़कुड़ा थाना क्षेत्र के अहिया गांव में हुई थी। यहां राकेश राजभर की पत्नी पूनम राजभर की दहेज प्रताड़ना के चलते मौत हो गई थी। मृतका के पिता उकेश राजभर, निवासी खड़वाडिह थाना शादियाबाद, ने भुड़कुड़ा थाने में इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था।
विवेचना के बाद पुलिस ने पति राकेश राजभर, ससुर गोरख राजभर और सास लालमुनि देवी के खिलाफ धारा 498ए, 304बी, 120बी आईपीसी और 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने पति राकेश राजभर को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। वहीं, सास और ससुर को बरी कर दिया गया।
