गाजीपुर में गंगा किनारे मृत मिली 5 फीट की डॉल्फिन, विभाग ने कब्जे में लिया
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के सुहवल थाना क्षेत्र के कालूपुर गंगा तट पर मंगलवार को एक दुर्लभ प्रजाति की गंगा डॉल्फिन मृत अवस्था में पाई गई। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई और आसपास के ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई।
सूचना मिलने पर वन क्षेत्राधिकारी जेएसपी वर्मा अपनी टीम के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। वन विभाग की टीम ने डॉल्फिन को गंगा से बाहर निकाला और डिविजनल वन कार्यालय, गाजीपुर ले जाया गया।
वन क्षेत्राधिकारी वर्मा ने बताया कि मृत डॉल्फिन का वजन लगभग 150 किलोग्राम, लंबाई करीब पांच फीट और अनुमानित आयु लगभग पांच वर्ष है।
मृत डॉल्फिन को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। वन विभाग ने पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। डॉल्फिन की मौत की खबर से वन विभाग के उच्चाधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
वन क्षेत्राधिकारी ने यह भी बताया कि गंगा डॉल्फिन अनुसूची-एक (शिड्यूल-1) के अंतर्गत एक संरक्षित वन्यजीव है। इसके शिकार या क्षति पहुंचाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाता है, जिसमें सात से दस वर्ष तक के कठोर कारावास का प्रावधान है।
यह नदी में करीब 20 से 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है,यह नदी में करीब 20 फीट उंची छलांग भी लगा सकते है।
केंद्र सरकार ने भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है। इसे स्थानीय रूप से 'जलपरी' के नाम से भी जाना जाता है। गंगा नदी में डॉल्फिन की बढ़ती संख्या 'मिशन क्लीन गंगा' की सफलता का प्रमुख संकेत मानी जाती है।
डॉल्फिन की औसत आयु करीब 28 वर्ष होती है। डॉलफिन की वर्तमान में कई प्रजातियां पायी जाती हैं। डॉलफिन एक आंख खोलकर सोती है। डॉलफिन का दिमाग सोते वक़्त सिर्फ आधा ही सोता है, डॉल्फिन पूंछ के बजाय सिर के साथ जन्म देती हैं।
इस मौके पर उप वन क्षेत्राधिकारी अशोक सिंह यादव, रविकांत, सत्येंद्र गुप्ता, अरविंद यादव, अजीत राय और सैमुद्दीन सहित कई अन्य वन अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

