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गाजीपुर: अब अतुल को जेल भेजने की तैयारी, मामला टोल प्लाजा पर फायरिंग का

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बसपा के युवा नेता अतुल राय को वाराणसी पुलिस जेल भेजने की तैयारी में जुट गई है। वाराणसी के एसओ लंका संजीव कुमार मिश्र ने रविवार की सुबह गाजीपुर न्यूज़ को बताया कि डाफी के टोल प्लाजा में फायरिंग के मामले में अतुल वांछित थे। उन्हें रविवार को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। मालूम हो कि शनिवार की शाम पार्टी की मंडलीय बैठक से अतुल निकले ही थे कि वाराणसी पुलिस सारनाथ क्षेत्र से उन्हें हिरासत में ले ली। 

अतुल के स्वाजतियों में भी इस कार्रवाई की प्रतिक्रिया शुरू हो गई है। वाराणसी के जगतपुर कॉलेज मैदान में आयोजित भूमिहार-त्यागी सम्मेलन के ठीक एक दिन पहले अतुल की गिरफ्तारी हुई है। उस सम्मेलन में अतुल विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। इधर बसपा में भी अतुल की गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। पार्टी के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी अपने बेहद करीबी अतुल राय की  गिरफ्तारी को माफिया डॉन रहे एमएलसी ब्रजेश सिंह तथा उनके भतीजा बाहुबली विधायक सुशील सिंह की साजिश का हिस्सा मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल ब्रजेश सिंह की गाजीपुर के जमानियां क्षेत्र स्थित बरुइन में ससुराल है। उनके साला बलवंत सिंह जमानियां के ब्लाक प्रमुख रहे हैं। 

संयोग से अतुल राय भी जमानियां क्षेत्र को अपनी राजनीतिक कर्म भूमि बना लिए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में वहां से वह पार्टी उम्मीदवार थे। उन्होंने भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी। उसके बाद से जमानियां क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। यही वजह रही कि हालिया बीते नगर निकाय चुनाव में भी जमानियां क्षेत्र के दो नगर निकायों के चेयरमैन की सीट पार्टी के खाते में दर्ज हुई। उसके पूर्व ब्रजेश सिंह के साले बलवंत सिंह की रणनीति के तहत जमानियां ब्लाक प्रमुख के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव भी गिर गया। 

यह सब ब्रजेश सिंह के साले बलवंत सिंह को खटक रहा है। दूसरे ब्रजेश सिंह के भतीजा बाहुबली भाजपा विधायक सुशील सिंह के खिलाफ अतुल दिल्ली तथा वाराणसी में एफआइआर दर्ज करा चुके हैं। जाहिर है कि चाचा-भतीजा अतुल से पूरी तरह खुन्नस खाए हैं। बल्कि पिछले माह अपनी पार्टी के मुहम्मदाबाद के शहीद पार्क में आयोजित कार्यक्रम में सुशील सिंह ने विरोधियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक कराने की बात कही थी। जाहिर है कि अतुल की गिरफ्तारी सुशील सिंह के  सर्जिकल स्ट्राइक की ही कड़ी है। अफजाल ने यह भी शंका जताई कि अतुल को वाराणसी जेल में रखने की तैयारी हो रही है। जहां ब्रजेश सिंह भी हैं। इस दशा में अतुल के साथ जेल में भी कोई साजिश हो तो हैरानी की बात नहीं लेकिन बसपा इस मसले पर चुप नहीं बैठेगी। साप्ताहिक बंदी के बाद 11 दिसंबर को इंसाफ के लिए कोर्ट में अर्जी दी जाएगी।

क्या है टोल प्लाजा का मामला
वाराणसी के डाफी टोल प्लाजा पर बीते छह जुलाई की शाम फायरिंग हुई थी। आरोप था कि अतुल राय और उनके साथी उसमें शामिल थे। इस मामले में वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र स्थित बेटाबर गांव के ईंट भट्ठा मालिक सर्वेश तिवारी ने लंका थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि अतुल राय व उनके साथियों ने उनकी हत्या के इरादे से उन पर फायरिंग की। बाद में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए अतुल राय इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे। उसी क्रम में वादी मुकदमा सर्वेश तिवारी ने भी हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर बताया कि उन पर फायरिंग करने वालों में अतुल नहीं थे। हाईकोर्ट ने आदेश किया कि फायरिंग के मामले में निचली कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने से पहले अतुल की गिरफ्तारी नहीं हो। साथ ही वादी मुकदमा सर्वेश तिवारी के आवेदन पर हाईकोर्ट ने कहा कि उनके आवेदन को विवेचक मुकदमा को सौंपा जाए। उसके बाद से अतुल राय खुद पर लगे फायरिंग के मामले में पुलिस की कार्रवाई से बेफिक्र हो गए थे।
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