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गाजीपुर: संदिग्ध आतंकी की मां बोली-मेरा बेटा अगर आतंकी होता तो मैं खुद उसे गोली मार देती

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर संदिग्ध आतंकी शेख अली अकबर के एटीएस की गिरफ्त में आने के दूसरे दिन मंगलवार को उसके पैतृक कसेरा पोखरा, जमानियां में सन्नाटा पसरा था। उसके परिवार के सदस्य सहमे दिखे। गांव के अन्य लोग भी इस मसले पर कुछ भी बतियाने से बचते रहे। मीडिया कर्मियों से बातचीत में बेटे के आतंकी होने की बात पर उसकी मां सबनम हैरानी जताई। बताई कि अव्वल तो अकबर घर से नौकरी के लिए इंटरव्यू देने की बात कह रविवार को लखनऊ के लिए निकला था। जाते वक्त कहने पर लखनऊ में रहने वाले अपने चाचा आसिफ के लिए चावल भी ले गया। लखनऊ में चाचा के घर पहुंच कर कुछ देर रुका। उसी बीच कोई फोन आया। उसके बाद वह वहां से निकल गया था। फिर परिवार को खाड़ी देश में नौकरी करने वाले रिश्तेदार से खबर मिली कि अकबर को कश्मीरी आतंकियों के साथी के रूप में गिरफ्तार किया गया है। सबनम ने दावे के साथ कहा कि उसका बेटा आतंकी नहीं हो सकता। उनका कहना था कि अगर ऐसा होता तो वह उसे मुल्क का गद्दार मान कर खुद गोली मार देतीं। बातचीत के दौरान अकबर के छोटे भाई व बहनें भी मौजूद थीं। उनके चेहरे पर भाई को लेकर चिंता साफ झलक रही थी। हालांकि सबनम ने यह भी बताया कि अकबर की चाची गुलशन के खाते में एक बार 40 हजार और दूसरी बार 20 हजार रुपये आए थे। बाद में उस रुपये को अकबर ले लिया था लेकिन यह नहीं मालूम कि वह रकम किसने और क्यों भेजी थी। उधर अकबर की गिरफ्तारी के बाद कसेरा पोखरा गांव पहुंची एटीएस की टीम उसके साथी महबूब पुत्र अनवर को भी लेकर लखनऊ रवाना हो गई। दोपहर अकबर तथा महबूब के परिवार के कुछ सदस्यों को भी लखनऊ भेजा गया। मालूम हो कि सोमवार को प्रदेश की ऐंटी टेररेजम स्क्वॉड(एटीएस) टीम लखनऊ में लोहिया पथ से शेख अली अकबर को दबोची।  लखनऊ में शेख अली अकबर की गिरफ्तारी के बाद एटीएस के आईजी असीम वरुण ने मीडिया को बताया था कि शेख अली अकबर आतंकी संगठनों को हथियार सप्लाई करता था। इसकी गिरफ्तारी सर्विलांस की मदद से हुई। उसके पास से बरामद मोबाइल से पता चला कि वह नौ ऐसे सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़ा है जो देश में जेहाद फैलाने का काम करते हैं। इसके साथ ही आतंकी संगठन के ग्रुप से भी जुड़ा होना पाया गया है। चारों आतंकियों ने पूछताछ में बताया था कि अली अकबर से 40 हजार रुपये में हथियार सप्लाई करने की बात हुई थी। वह पिस्टल भेजने वाला था। शेख के पास से आतंकी गतिविधियों वाला साहित्य भी मिला है। वह नौ ऐसे व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़ा है, जहां देशविरोधी गतिविधियों का प्रचार प्रसार होता है। शेख अली अकबर एटीएस के राडार पर तब आया जब बांदीपुरा, कश्मीर में पकड़े गए चार आतंकियों से पूछताछ हुई। उसके व्हाट्सअप पर पिछले साल सितंबर में उसके पास व्हाट्सअप  पर कश्मीर में ट्रेनिंग का ऑफर आया था। साथ ही उसके एकाउंट में कई देशों से पैसे ट्रांसफर होने की भी जानकारी मिली है। मालूम हो कि डेढ़ वर्ष पूर्व जमानियां थाना क्षेत्र के देवैथा गांव के एक युवक को भी एटीएस गिरफ्तार की थी। उस पर भी आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप था।

चंदौली की रहने वाली है अकबर की मां
गाजीपुर। शुरुआती खबर आई थी कि लखनऊ में गिरफ्तार कसेरा पोखरा गांव के संदिग्ध आतंकी शेख अकबर अली की मां सबनम मूलतः कश्मीर की रहने वाली है और उसके मरहूम पिता पूर्व फौजी जफर अली खां नौकरी के वक्त कश्मीर में तैनात थे। वहीं उन्होंने सबनम से अपनी दूसरी शादी कर ली थी। फिर यह भी खबर थी कि रिटायर होने के दो साल बाद जफर अली जिला मुख्यालय से आते वक्त सड़क हादसे में मर गए थे। बातचीत में शेख अली अकबर की मां सबनम ने बताया कि उनका मायका पड़ोसी जिला चंदौली के धानापुर में है। उनके पति का इंतकाल सात साल पहले बीमारी के कारण हुआ था। एटीएस की हिरासत में लिए गए अकबर के साथी महबूब के पिता अनवर पेशे से राजमिस्त्री हैं।

कुछ नहीं बोल रही गाजीपुर पुलिस
गाजीपुर। जमानियां कोतवाली के कसेरा पोखरा गांव में दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के मामले में गाजीपुर पुलिस पूरी तरह चुप्पी साध ली है। इस सिलसिले में पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा से चर्चा की गई। वह बताए कि एटीएस अपना काम कर रही है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि एटीएस इस मामले में अपना कोई इनपुट भी साझा नहीं की है।
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