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गाजीपुर: जमानियां की सड़कों की सवंरेगी सूरत! योगी के दूत आकर देखेंगे सूरतेहाल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा पार जमानियां क्षेत्र की बदहाल सड़कों की सूरत बदलेगी। जमानियां विधायक सुनीता सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री हर जिले के विधायकों से मिलने के क्रम में गाजीपुर के विधायकों से लखनऊ के शास्त्रीभवन में मंगलवार की रात मिले। जमानियां विधायक ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र की ज्यादातर सड़कों के नाम पर निशान भर रह गए हैं। साथ ही उन्होंने बिजली तथा सिंचाई की समस्या भी उठाई। बताईं कि उनके क्षेत्र में बिजली के तार जर्जर हो चुके हैं। उसके चलते न सिर्फ आपूर्ति बाधित होती है बल्कि हादसे भी होते रहते हैं। नहरें सिल्ट से भर गई हैं। टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री ने सड़के मसले पर कहा कि विगत दिनों गाजीपुर पहुंचे केंद्रीय सड़क मंत्री ने वहां के लिए कई सड़कों का शिलान्यास किया है।

मुख्यमंत्री की इस बात पर विधायक सुनीता सिंह ने क्षेत्र के सुदूर गांवों, मजरों की सड़कों की बात उठाई। अपनी बात की पुष्टि के लिए विधायक ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह किसी उच्च अधिकारी को क्षेत्र में भेज कर सड़कों का सर्वेक्षण कराएं। साथ ही उन्होंने उच्च अधिकारी के रूप में मुख्यमंत्री से उनके सचिव मृत्युंजय नारायण सिंह को भेजने की भी गुजारिश की। उनकी बात को मानते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वह अपने सचिव को जमानियां क्षेत्र का निरीक्षण के लिए भेजेंगे। इस मौके पर सदर विधायक डॉ.संगीता बलवंत ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में गंगा कटान की समस्या उठाई। मुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्यवाही का भरोसा दिया। जखनियां विधायक त्रिवेणी राम ने अति पिछड़ी जाति के लोगों को जबरिया विस्थापित करने की बात कही।

इसके लिए उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर ज्यादती का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने उनकी बात पर हैरानी जताते हुए कहा कि यह उनके राज में संभव नहीं। श्री राम ने अपनी बात को पोख्ता करने के लिए विस्थापन की कार्रवाई के दायरे में आए कुछ अति पिछड़े परिवारों की गांववार सूची पेश किए। मुख्यमंत्री ने सूची पर गौर करने के बाद कहा कि इन परिवारों को विस्थापित करने की कार्रवाई के पीछे शासन-प्रशासन की कोई गलत मंशा नहीं है। तालाब-पोखरा के भीटों पर यह परिवार काबिज हैं। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। बावजूद उन परिवारों को संबंधित ग्राम पंचायतों में आवासीय भू-खंडों को चिन्हित कर उन्हें पुर्नस्थापित करने का प्रयास जरूर होगा। मुख्यमंत्री संग करीब पौन घंटे की इस मुलाकात में सत्ताधारी पार्टी की विधायक अलका राय नहीं थीं।
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