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गाजीपुर: अरुण सिंह के बेटे को सौंपे अगुवाई


गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर कहते हैं वक्त सिखाता है और वक्त मौका भी देता है। खासकर सियासत में तो ऐसा ही होता है। जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह के बेटे राज ठाकुर का मामला भी कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है। अरुण सिंह हत्या के एक कथित मामले में वह इन दिनों  नैनी जेल में निरुद्ध हैं। अपने पिता की नामौजूदगी में उनकी सियासी और सामाजिक थाती वही संभाल रहे हैं। वह पूरी कोशिश करते हैं कि अरुण सिंह के लोगों को  यह एहसास न हो कि उनके नेता नामौजूद हैं। खासकर उन लोगों के सुख-दुख में राज ठाकुर जरूर पहुंचते हैं। अपनी इस कवायद से वह खुद के लिए उनका पूरा भरोसा भी बटोर चुके हैं।

शायद यही वजह है कि अरुण सिंह के संयोजकत्व वाली सर्वदलीय संघर्ष समिति की युवा इकाई गठित कर उसकी अगुवाई भी राज ठाकुर को सौंप दी गई है। कुछ दिन पहले समिति की कैंप कार्यालय मियांपुरा में हुई बैठक में यह फैसला हुआ। बैठक में प्रमुख रूप से रामशब्द सिंह,  लोहा सिंह,  रामनगीना पांडेय,  हुमायूं खां,  शकील अहमद, उदयप्रकाश सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह बब्लू, राजेश सिंह गुड्डू, ज्ञानेंद्र सिंह प्रधान, अभिमन्यु सिंह,  नितिन सिंह,  अमरेश प्रधान, संजय सिंह लप्पू,  चिकू सिंह, पप्पू पटेल आदि थे। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष बटुक नारायण मिश्र और संचालन मीडिया प्रभारी एडवोकेट गौतम मिश्र ने किया।

गाजीपुर न्यूज़ टीम के एक सवाल पर राज ठाकुर ने शायराना अंदाज में कहा-परिंदों को तालिम दी नहीं जाती उड़ानों की, वे खुद ही जान लेते हैं ऊंचाई आसमानों की। उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता संगठन को मजबूत करने की है। ताकि जनसवालों को लेकर अरुण सिंह की ओर से शुरू किए गए आंदेलन को नईधार के साथ आगे बढ़ाया जा सके। एक अन्य सवाल पर राज ठाकुर ने सधे अंदाज में कहा कि जनसवालों को लेकर संघर्ष की शुरुआत किसी एक से होती है। मतलब वह व्यक्ति संघर्ष में अकेला होता है, लेकिन संघर्ष सफलता की ओर बढ़ने लगता है तो लोग खुद उसमें जुड़ने लगते हैं। फिर इतिहास गवाह है कि जब जग जिस पर हंसा तब जग में वही नया इतिहास रचा। राज ठाकुर बताए कि गाजीपुर की प्रमुख जनसमस्याओं को लेकर जल्द ही वह लखनऊ जाएंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल कर उनके निराकरण कराने की कोशिश करेंगे।
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