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गाजीपुर: सोने की लंका को हनुमान जी ने किया राख

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर अति प्राचीन रामलीला कमेटी के तत्वावधान में लीला के बारहवें दिन रविवार की शाम सात बजे लंका मैदान में बालि सुग्रीव-लड़ाई, बालि वध सीता हनुमान मिलन, लंका दहन लीला का मंचन पूरी भव्यता के साथ किया गया। मंचन में दर्शाया गया कि सीता की खोज करते हुए श्रीराम हनुमान के साथ बानरराज सुग्रीव से मित्रता करते हैं। सुग्रीव से बालि द्वारा सताए जाने के संबंध में सुन श्रीराम एक वट वृक्ष के पीछे से बालि को तीर से मार देते हैं। सुग्रीव श्रीराम का कार्य करने के लिए जामवंत, अंगद, नील, नल आदि वानरों की सेना को इकट्ठा करके एवं हनुमान से सीता की खोज के लिए सभी दिशाओं में भेज देते हैं। हनुमान जी लंका पहुंचकर रावण के दरबार में आते हैं। रावण द्वारा हनुमान के पूंछ में तेल डालकर आग लगा दी जाती है। इसके बाद माता सीता के पास जाकर उनसे मिलते हैं तथा उन्हे श्रीराम के आने की सूचना बताते हैं और सीता जी से निशानी स्वरूप चूड़ामणि लेकर श्रीराम के दरबार में उपस्थित होते हैं।

सीता हरण की लीला मंचन देख दर्शक हुए भाव विभोर
मुहम्मदाबाद : नगर में चल रहे श्रीरामलीला समिति की ओर से सीता हरण व बालि वध का लीला का मंचन किया गया। खर दूषण के वध के पश्चात सूर्पणखा लंका पहुंचकर रावण को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इतना सुनने के बाद रावण अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिए सीताजी के हरण की योजना बनाया। रावण साधु के वेश में पुष्पक विमान पर बैठाकर सीताजी को लंका लेकर चला गया। इसके पश्चात सीताजी के खोज में रामजी का विलाप करने, जटायु राम मिलन, सुग्रीव मिलन व बालि वध की लीला का मंचन किया गया।

दर्शकों ने देखी नारद मोह की लीला
लौवाडीह : रामलीला परिषद लौवाडीह द्वारा संचालित रामलीला में नारदमोह का मनमोहक मंचन किया गया। जब नारद तपस्या में लीन हो जाते हैं तो उनकी तपस्या से इंद्र घबरा जाते हैं और तपस्या को भंग करने हेतु कामदेव को भेजते हैं। कामदेव नाराद मुनि की तपस्या भंग करने में असफल हो जाता है और उनके चरणों में गिरकर माफी मांगने लगते हैं। इस बात से नारद को अहंकार हो जाता उनके इस अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान विष्णु मोहिनी का रूप धारण करते हैं। सुंदर मुख के बदले नारद को बंदर का रूप दे देते हैं। इससे कुपित होकर नारद भगवान को शाप देते हैं और अंत में उनका अहंकार टूट जाता है। जनकदेव राय, रामचंद्र राय, हरेंद्र राय, विजयशंकर पांडेय, संजय राय, उमाशंकर शर्मा,जयप्रकाश त्रिपाठी आदि रहे।

राम के विलाप का सजीव मंचन
बारा : दशहरा के मौके पर श्री रामलीला समिति बारा की ओर से रविवार की रात आयोजित रामलीला में बालि वध व सीता हरण की लीला में वृंदावन के कलाकारों ने सजीव मंचन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सीता खोज के दौरान राम के विलाप ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। सीता वियोग में रामचंद्र जी पशु-पक्षियों से भी सीता के बारे में पूछते हुए कहा हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी, तुमने देखी सीता मृगनयनी, क्या तुम लोगों ने सीता जी को कहीं देखा है। शुभम राय, विकास राय, आनंद राय, अभिषेक, दिनेश चौरसिया, सूबेदार सरोजिया यादव, सूबेदार जवाहरलाल आदि रहे।

रावण-अंगद संवाद का हुआ मंचन
कासिमाबाद : सोनबरसा रामलीला समिति द्वारा संचालित हो रही रामलीला में अक्षय कुमार वध व लंका दहन के साथ सेतुबंध, रामेश्वर शिव लिग स्थापना और रावण अंगद संवाद का मंचन किया गया। दयाशंकर यादव, भीष्म प्रसाद गुप्ता, महावीर प्रजापति, प्रभुनाथ कुशवाहा, राजकुमार गुप्ता, राजेंद्र गुप्ता, सुरेंद्र यादव, अच्छेलाल आदि थे।
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