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गाजीपुर: दागी अवर अभियंता का दुस्साहस, अपने नए एमडी को बुके देने पहुंच गया सरकारी कोठी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर निःसंदेह आईएएस अफसर के बालाजी गाजीपुर डीएम पद पर रहते अपनी छवि को लेकर बराबर बेहद संजीदा रहे। यही वजह रही कि गाजीपुर में दो साल से अधिक के कार्यकाल में उनकी छवि एकदम पाक साफ बनी रही। शासन ने शुक्रवार की रात गाजीपुर डीएम से उनका तबादला पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक पद पर कर दिया। लगभग तय है कि वहां एक से बढ़कर एक और घाघ दागियों से उनका पाला पड़ेगा। अब उन दागियों से कैसे निपटेंगे। यह पता चलेगा जब वह वहां पहुंचेंगे। तब यह भी कि निगम के दागी अपना काम निकालने के लिए कोई ना कोई मौका निकालकर उनके करीब पहुंचने की पूरी कोशिश करेंगे।

यह अंदेशा तब और बढ़ गया, जब तबादले की खबर आम होने के बाद शनिवार की सुबह बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारी गाजीपुर डीएम कोठी पर पहुंच गए। के बालाजी से उनका मिलने का अंदाज गाजीपुर डीएम पद से विदाई का नहीं बल्कि अपने नए एमडी के स्वागत वाला था। उन्होंने के बालाजी को बुके भेंट किया। सरसरी तौर पर देखा जाए तो विद्युत कर्मियों का वह अंदाज स्वाभाविक कहा जा सकता है, लेकिन उस वक्त गौर करने की बात यह रही कि विद्युत कर्मियों के समूह में एक ऐसा भी शख्स था, जो बेहिचक के बालाजी के करीब पहुंच कर फोटो तक खींचवाया, जबकि उसकी विभाग में पहचान एक निहायत दागी अवर अभियंता के रूप में है। वह अवर अभियंता संतोष मौर्य सालों से एक ही जगह जमानियां क्षेत्र में बना रहा। बताते हैं कि उसकी कारस्तानियां बराबर विभाग के ऊपर के अधिकारियों तक पहुंचती रहीं, लेकिन उसका कुछ नहीं बिगड़ा। अपनी पहुंच, प्रभाव के बूते वह हर बार अपने विरुद्ध विभाग के ऊपर के अधिकारियों का गुस्सा ठंडा करने में सफल रहा, लेकिन कहते हैं कि किसी के लिए भी समय बराबर एक जैसा नहीं रहता।

संतोष मौर्य के साथ भी यही हुआ। यह अक्टूबर माह उसके लिए अपसकून लेकर आया। एक मामले में उसकी रिश्वतखोरी सरेआम हो गई। एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गया। विभागीय अधिकारियों के कान खड़े हो गए। विभाग के अधीक्षण अभियंता ने जांच बैठा दी। जांच में मिले सबूत संतोष मौर्य के खिलाफ मिले। तब अधीक्षण अभियंता ने बीते सात अक्टूबर को संतोष मौर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उसके बाद से वह अपनी वापसी की जुगत में लगा है। डीएम कोठी पहुंच कर उसका के बालाजी को बुके देना भी उसी जुगत का हिस्सा माना जा रहा है और यह उसका दुस्साहस ही माना जा रहा है। हालांकि यह भी साफ है कि के बालाजी उस अदने निलंबित अवर अभियंता को चेहरे से पहचानते नहीं होंगे, लेकिन हैरानी नहीं कि वह उनके करीब पहुंच कर विभागीय अधिकारियों में यह संदेश पहुंचाने में लग गया होगा कि विभाग के नए एमडी से वह बहुत दूर नहीं है। के बालाजी के करीब उसके पहुंचने की खबर पर हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय ने कहा कि अव्वल तो यह यकीन नहीं कि के बालाजी जैसे ईमानदार आईएएस अफसर के यहां संतोष मौर्य जैसे भ्रष्ट विद्युत अभियंताओं की दाल गलेगी, लेकिन यह जरूर है कि वैसे अभियंता और कर्मचारी उनके करीब पहुंचने का कोई मौका अपनी ओर से नहीं छोड़ेंगे। मालूम हो कि संतोष मौर्य के निलंबन में दुर्गेश की भी अहम भूमिका रही है। उन्होंने ही संतोष मौर्य की कारस्तानियों के सबूत विभागीय जांच टीम को उपलब्ध कराए थे।

अरुण सिंह ने भी भेजवाया बुके
डीएम के बालाजी के तबादले की खबर मिलने के बाद डीएम कोठी पर शनिवार को सुबह से ही अधिकारियों, राजनीतिकों, समाजसेवियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। हर कोई उनसे मिल कर गाजीपुर में डीएम के रूप में उनके कार्यों और उपलब्धियों का बखान कर रहा था। उन्हें अगली तैनाती के लिए बधाई भी दे रहा था। उसी क्रम में जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन और गाजीपुर के कद्दावर नेताओं में शुमार अरुण सिंह के प्रतिनिधि के रूप में उनके बेटे राज ठाकुर भी डीएम कोठी पहुंचे थे। उन्होंने के बालाजी को बुके भेंट किया और डीएम के रूप में उनके कार्यों को सराहा। के बालाजी भी राज ठाकुर से स्नेहिल भाव से मिले। राज ठाकुर को आगे मिलते रहने को भी कहे। मालूम हो कि के बालाजी का तबादला शासन ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम, वाराणसी के एमडी पद पर किया है। इनकी जगह श्रावस्ती के डीएम ओमप्रकाश आर्य को भेजा गया है।
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