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गाजीपुर: जनपद में भी दो सौ के पार पहुंचा एक्यूआई

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर इन दिनों दिल्ली, लखनऊ व वाराणसी जैसे शहरों में खतरनाक स्तर पर पहुंचे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का असर अपने जिले में भी दिखने लगा है। यहां की हवा की गुणवत्ता भी काफी खराब हो चली है और एक्यूआई दो सौ के पार चला गया है जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। सुबह से शाम तक आसमान में छायी धुंध खराब हवा क्वालिटी की ही परिचायक है। इसको लेकर लोग काफी भयभीत हैं कि कहीं यहां भी दिल्ली जैसा हाल न हो जाए।

पिछले कई दिनों से सुबह से शाम तक आसमान में सफेद धुंध छायी हुई है। बहुत से लोगों को लग रहा है कि यह ठंड के मौसम का असर है लेकिन यह बात पूरी तरह सही नहीं है। दिल्ली, लखनऊ व वाराणसी के बाद अब गाजीपुर में भी प्रदूषित हवा ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी इसका असर कम है जिससे लोगों को कोई विशेष परेशानी नहीं हो रही है लेकिन जैसे ही इसका असर कुछ और बढ़ेगा, लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगेगी लेकिन लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वायु की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए क्या किया जाए।

पराली ही नहीं जिम्मेदार
दिल्ली में बढ़े वायु प्रदूषण के लिए भले ही किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली को जिम्मेदार माना जा रहा है लेकिन गाजीपुर में यह निराधार दिख रहा है। अभी यहां धान की कटाई शुरू हुई है। कहीं पराली नहीं जलाई जा रही। इसके बाद भी यहां हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। सड़कों पर धुआं करते वाहन व उड़ रही धूल भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं।

आम तौर पर एक्यूआई 50 से लेकर 100 तक सही माना जाता है। अगर 100 से ऊपर जा रहा है तो यह वायु प्रदूषण मानक से अधिक बढ़ने का संकेत है। हालांकि गाजीपुर में दिल्ली, लखनऊ व वाराणसी जैसे हालात नहीं है लेकिन यहां भी एक्यूआई 200 से अधिक हो गया है। यह ठीक नहीं है। इसे कम करने के लिए हमे ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि समय रहते दिल्ली जैसी भयावह स्थिति से बचा जा सके।- डा. प्रमोद कुमार मिश्रा, पर्यावरणविद-पीजी कालेज।
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