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राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर अयोध्या में शुरू हुआ विरोध, संत समाज ने बुलाई आपात बैठक

राम जन्मभूमि न्यास (Ram Janmbhumi Nyas) के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास (Mahant Nritya Gopal Das) ने आरोप लगाया है कि अयोध्यावासी संत-महंतों का ट्रस्ट के माध्यम से अपमान किया गया है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने पूरा जीवन कुर्बान कर दिया, उनका इस ट्रस्ट में कहीं कोई नामोनिशान तक नहीं है

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Janmbhumi Teerth Kshetra Trust) के गठन के बाद अयोध्या के संत समाज में इसका विरोध शुरू हो गया है. मामले में अयोध्या (Ayodhya) के संतों ने गुरुवार शाम तीन बजे अहम बैठक बुलाई है. यह बैठक महंत नृत्य गोपाल दास (Mahant Nritya Gopal Das) की आवास मणिराम राम दास छावनी में होनी है. महंत नृत्य गोपाल दास के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में अयोध्या के संत आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे.

बता दें कि ट्रस्ट के गठन के बाद राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने आरोप लगाया है कि अयोध्यावासी संत-महंतों का ट्रस्ट के माध्यम से अपमान किया गया है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया, उनका इस ट्रस्ट में कहीं कोई नामो-निशान तक नहीं है. नृत्य गोपाल दास ने कहा कि जो ट्रस्ट बना है, उसमें अयोध्यावासी संत-महंतों की अवहेलना की गई है. गुरुवार को दोपहर तीन बजे संत समाज की बैठक होगी. इस बैठक में हम निर्णय लेंगे.

'हम इस ट्रस्ट को मानने के लिए तैयार नहीं'
इससे पहले महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास ने कहा कि हम इस ट्रस्ट को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. इस ट्रस्ट में वैष्णव समाज के संतों का अपमान किया गया है. इसके अलावा उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दी. ट्रस्ट में शामिल हुए अयोध्या राजपरिवार के विमलेश मोहन प्रताप मिश्रा को उन्होंने राजनीतिक व्यक्ति बताया. उन्होंने कहा कि ये तो बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. इनका राम जन्म भूमि से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे लोगों को क्यों राम जन्मभूमि ट्रस्ट में जगह दी गई है.

कमल नयन दास ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के समय ही कानून बना था कि वैष्णव ही राम जन्म भूमि का अध्यक्ष होगा.

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