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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया गाजीपुर के तत्कालीन DPRO समेत पंचायतीराज विभाग के कई अफसरों पर FIR का निर्देश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर भ्रष्टाचार पर प्रहार किया है. उन्होंने सोमवार को पंचायतीराज विभाग में परफार्मेंस ग्रांट की धनराशि आवंटित करने में धांधली को लेकर पूर्व निदेशक अनिल कुमार दमेले, अपर निदेशक राजेंद्र सिंह, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी केशव सिंह, अपर निदेशक (पं) एसके पटेल, उप निदेशक (पं) गिरीश चंद्र रजक समेत 12 जिलों के पंचायती राज अधिकारियों, सहायक विकास अधिकारियों, संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारियों व सचिवों के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराकर विवेचना कराने के निर्देश जारी किए हैं. 


मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा ट्वीट करके इसकी जानकारी दी गई है. जानकारी के मुताबिक निदेशक पंचायतीराज के पद पर रहते हुए अनिल कुमार दमेले (अब सेवानिवृत्त) ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन व शासनादेशों की अनदेखी कर अपात्र ग्राम पंचायतों को परफॉर्मेंस ग्रांट जारी कर दी. इसकी विजिलेंस जांच चल रही है. विजिलेंस रिपोर्ट के मुताबिक 31 जनपदों की 1798 ग्राम पंचायतों में से 1123 ग्राम पंचायतों को अनियमित रूप से परफार्मेंस ग्रांट की धनराशि आवंटित की गई है. इसमें राजेंद्र सिंह, अपर निदेशक (पं.), केशव सिंह, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी एसके पटेल, अपर निदेशक (पं) गिरीश चंद्र रजक, उप निदेशक (पं) के खिलाफ भी जांच हो रही है. इस मामले में जनपद स्तर के अधिकारियों औऱ कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच हो रही है. 


इसमें जिला पंचायतराज अधिकारी, रामकेवल सरोज, चंद्रिका प्रसाद (बाराबंकी), अरविंद कुमार सिंह (वाराणसी), लालजी दुबे (गाजीपुर), अमरजीत सिंह (सहारनपुर), मिही लाल यादव (इटावा), शीतला प्रसाद सिंह (देवरिया), दिनेंद्र प्रकाश शर्मा (महाराजगंज), अनिल कुमार सिंह (आजमगढ़), राधा कृष्ण भारती (गोरखपुर), राजेंद्र प्रसाद (मथुरा), धनन्जय जायसवाल (आगरा), शहनाज अंसारी (अलीगढ़) व संबंधित जनपदों के सहायक विकास अधिकारियों व संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारियों व सचिवों के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराकर विवेचना कराने के निर्देश जारी किए गए हैं.
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