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एक हफ्ते में तैयार की कोरोना जांच की लैब, 5 दिन में 20 जांच रिपोर्ट जारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर, यूपी में कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में बीआरडी मेडिकल कॉलेज सबसे बड़ा किरदार निभा रहा है। मेडिकल कॉलेज और आरएमआरसी ने मिलकर एक हफ्ते में ही कोरोना जांच के लिए लैब स्थापित कर ली। इतना ही नहीं 5 दिन में 20 नमूनों की जांच रिपोर्ट भी जारी कर दी। 300 बेड का आइसोलेशन और क्वारंटीन वार्ड भी तैयार कर लिया।

कोरोना की आहट मिलने के साथ ही शासन मरीजों के इलाज की तैयारी में जुट गया। प्रदेश के हर जिले में परदेस से लोग लौटे। जांच के इंतजाम बेहद सीमित थे। महज एक पखवारे पूर्व तक प्रदेश में सिर्फ तीन जगहों पर ही कोरोना जांच की सुविधा थी। ऐसे में सीएम ने आरएमआरसी के डायरेक्टर डॉ. रजनीकांत और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार को कोरोना जांच लैब स्थापित करने की सलाह दी।

राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना से निपटने की योजना इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) बना रहा है। आरएमआरसी के निदेशक ने बताया कि पहले लक्ष्य 15 दिन में लैब तैयार करने का था। लगातार 36 घंटे काम करके दोनों विभागों की टीम ने आवश्यक मशीनों की सूची तैयार की। इसके बाद उपलब्ध संसाधनों का ब्योरा जांचा। इसके बाद अधिकारियों ने तय किया कि बीआरडी में जांच हो सकती है।

मिले हाथ तो तैयार हुई लैब
दोनों संस्थानों के पास लैब के लिए आवश्यक आधे-आधे संसाधन और विशेषज्ञ मौजूद हैं। दोनों विभागों के मुखिया ने हाथ मिलाकर एक और एक ग्यारह बनने का फैसला किया। लैब का मुख्य भवन और पीसीआर मशीन बीआरडी ने मुहैया कराई। वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया, रसायन, प्रोब समेत दूसरे उपकरण आरएमआरसी ने दिए। आरएमआरसी विशेषज्ञ मॉनिटरिंग में लगे रहे। महज सात दिन में प्रक्रिया पूरी कर लैब का ट्रायल शुरू कर दिया गया। लैब की कमान बीआरडी के डॉ. अमरेश सिंह और आरएमआरसी के डॉ. अशोक कुमार पाण्डेय को मिली। दोनों 20 नमूनों की जांच कर चुके हैं, रिपोर्ट निगेटिव मिली है।

बना दिया 300 बेड का आइसोलेशन वार्ड
संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन की निगाहें मेडिकल कॉलेज पर टिक गईं। बीआरडी में पूर्वी यूपी का सबसे बड़ा आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। इसकी क्षमता 300 बेड की है। इसमें सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में 160, आईसीयू में 20 और वेंटिलेटर युक्त 20 बेड तैयार किए जा चुके हैं।
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