कानपुर में दो मासूमों को पटरी पर लेटाकर ट्रेन के आगे दौड़ी मां, फिर...
चकेरी थाने के पीआरवी सिपाही लालबहादुर सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि बजरंग ग्राउंड के पास रेलवे ट्रैक पर एक महिला अपने बच्चे के साथ आत्महत्या करने के लिए बैठी है.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर (Kanpur) के चकेरी थानाक्षेत्र में पारिवारिक कलह से परेशान होकर मासूम बच्चों के साथ एक महिला ट्रेन के आगे लेट गई. ट्रेन आता देखकर महिला ने दोनों बच्चों को पटरी पर लेटा दिया और खुद दौड़ने लगी. घटना की सूचना मिलने पर फरिश्ते बने सिपाहियों ने जान की परवाह न करते हुए रेलवे फाटक फांदकर दोनों की जान बचाई. बाद में सिपाहियों ने मां और दोनों बच्चों को सकुशल थाने पहुंचाया. थाने में पुलिस ने पति को बुलाकर फटकार लगाई और महिला व बच्चों को उसके हवाले कर दिया.
ट्रेन गुजरने से पहले पटरी से बच्चों को हटाया
चकेरी थाने के पीआरवी सिपाही लालबहादुर सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि बजरंग ग्राउंड के पास रेलवे ट्रैक पर एक महिला अपने बच्चे के साथ आत्महत्या करने के लिए बैठी है. सूचना मिलते ही साथी सिपाही रमेश चन्द्र और सुरजन सिंह के साथ वे मौके पर पहुंचे. उस दौरान रेलवे फाटक बंद था और ट्रेन हॉर्न देकर आगे बढ़ रही थी. ट्रेन को आते देख महिला अपने बच्चों के साथ पटरी पर लेट गई. पुलिस के सिपाहियों ने जब यह दृश्य देखा, तो जान की परवाह किए बिना वे रेलवे फाटक को फांदकर पटरी के पास पहुंचे. सिपाहियों ने ट्रेन गुजरने के ऐन वक्त पहले महिला और उसके बच्चों को पटरी से हटा लिया.
चिल्ला रही थी महिला- मुझे क्यों बचाया!
चकेरी थाने के सिपाहियों की हिम्मत से महिला और बच्चे की जान बच सकी. महिला और उसके बच्चों को सिपाही किसी तरह थाने ले आए. सिपाहियों के मुताबिक थाने लाए जाने के दौरान महिला बार-बार कहती रही कि आखिर आपने क्यों बचाया, मुझे मर जाने देते... थाने में पूछताछ के दौरान महिला ने अपना नाम संगीता और पति का नाम विनोद कुमार बताया. महिला काशीराम कॉलोनी की रहने वाली है और पारिवारिक कलह के चलते उसने ट्रेन के आगे लेटकर जान देने का प्रयास किया. थाना प्रभारी ने बताया कि महिला को समझाया जा रहा है और पति को भी बुलाया गया है. इसके साथ ही मनोवैज्ञानिक के जरिए महिला को आत्मबल दिया जाएगा, ताकि भविष्य में वह ऐसा कोई कदम न उठाए.
