Today Breaking News

गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन पर 25 एकड़ में बनेगी सब्जी मण्डी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन पर नरकटहा गांव में 25 एकड़ में अत्याधुनिक सब्जी एवं फल मण्डी का निर्माण होगा। इस मण्डी में अत्याधुनिक कोल्ड स्टोरेज भी बनेगा। ताकि आढ़ती यहां फल और सब्जियों को संरक्षित कर सकें। आढ़ती यहां से फलों और सब्जियों को नेपाल भी एक्सपोर्ट कर सकेंगे। इस मण्डी के बनने से गोरखपुर शहर की सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा, हर दिन लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महेवा फल एवं सब्जी मण्डी को नई मण्डी बनाकर शिफ्ट करने की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे। कई स्थानों का चयन हुआ लेकिन बात नहीं बन सकी। उप निदेशक मण्डी निर्माण दीपक कुमार ने गीडा सीईओ से बात कर नरकटहा गांव में गीडा की योजना के लिए चिन्हित जमीन में 25 एकड़ में नई मण्डी बनाने की योजना बनाई है। सैद्धांतिक रूप से गीडा इस जमीन को खरीद कर मण्डी बनाने के लिए देने पर सहमत है। इसी आधार पर उप निदेशक मण्डी निर्माण दीपक कुमार ने प्रस्ताव बनाकर निदेशक मण्डी जेसी सिंह को भेजा है। प्रस्ताव की एक प्रति गीडा को भी भेजी गई है।

डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने भी गीडा सीईओ, उप निदेशक मण्डी निर्माण एवं निदेशक मण्डी से वार्ता किया है। ताकि योजना पर कार्यवाही तेज हो। चिह्नित जमीन को किसानों को सहमति के आधार पर किसानों से खरीदी जाएगी।

इसलिए जरूरी है नई मण्डी
गोरखपुर जिले में थोक फल एवं सब्जी मण्डी पहले साहबगंज में लगती थी। 1990-91 में यह तीन किलोमीटर दूर महेवा शिफ्ट हो गई। 30 एकड़ की महेवा मण्डी में फल व सब्जी विक्रेताओं को नौ एकड़ की जगह मिली। मौजूदा समय में मण्डी में 12 से 16 चक्कर के ट्रकों पर फल व सब्जियां आती हैं। इस कारण स्थान का अभाव रहता है। नो-इंट्री के बाद भी लोगों को सड़क पर जाम का सामना करना पड़ता है। इससे आढ़तियों को भी कच्चे माल की काफी क्षति उठानी पड़ती है। नई मण्डी बनने से जहां महेवा फल व सब्जी मण्डी से भीड़ कम होगी वहीं अत्याधुनिक मण्डी में कोल्ड स्टोरेज रहने से सब्जियां और फल लम्बे समय तक ताजा और सुरक्षित रहेंगे।

भविष्य के गोरखपुर को देखते हुए नई मण्डी की सख्त जरूरत है। नई मण्डी में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा भी मिलेगी। इसके आढ़ती एक्सपोर्टर के रूप में सरकार से ज्यादा सुविधाएं ले पाएंगे। उनका व्यापार बढ़ेगा ही, रोजगार की संभावना भी बलवती होंगी। नेपाल जैसा बड़ा बाजार पहले ही यहां के कारोबारियों के लिए उपलब्ध है। कोशिश है कि इसी वित्तीय वर्ष में इस योजना को स्वीकृत करा लिया जाए।के. विजयेन्द्र पाण्डियन, डीएम
 
 '