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तीन दिन में 103 किलोमीटर पैदल चलकर मऊ से वाराणसी पहुंचा रेलवे गेटमैन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी मऊ में तैनात एक गेटमैन रविवार को वाराणसी स्थित अपने घर पैदल ही पहुंच गए। वाराणसी के जंसा थाना क्षेत्र के पेडूका गांव निवासी पूर्व सैनिक और रेलवे में गेट मैन रणजीत सिंह की तैनाती इंदारा मऊ स्टेशन के आगे चकरा हाल्ट स्टेशन पर है। वहां से 103 किमी पैदल चलकर अपने गांव पहुंचे। पैदल चलने से पूर्व सैनिक का पांव सूज गया और घर आते ही गिर पड़े।

रणजीत सिंह पहले आर्मी में सूबेदार थे। रिटायर होने के बाद वह मऊ के चकरा हाल्ट स्टेशन पर गेटमैन की नौकरी करने लगे। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के कारण घर आने के लिए कोई साधन नही मिलने के कारण वह पैदल ही गांव के लिये चल दिये। दुकानें बन्द होने के कारण भोजन आदि नही मिलने के कारण वह एकदम लश्त हो गये थे।तीन दिन के अथक प्रयास के बाद अपने घर पहुचे। इनकी हालत देख लोग दंग खा गये। घर पहुचते ही परिवार के लोग उनकी सेवा में लग गये।

वहीं, रोहनिया प्रतिनिधि के अनुसार नोएडा से काफी संख्या में लोग अपने घर और गांव की तरफ आ रहे हैं। रविवार को एक बस में काफी संख्या में लोग वाराणसी भदोही सीमा पर स्थित अखरी चौराहे पर पहुंचे। इसकी जानकारी जैसे ही पुलिस व एसडीएम राजातालाब को हुई एक मेडिकल टीम और तहसीलदार राजातालाब रवि शंकर यादव पहुंचे। वहां मौजूद सभी 24 लोगों की थर्मल स्कैनिंग की गई। सभी के हाथों पर निशान लगाकर उन्हें जाने दिया गया। इनमें गाजीपुर, जौनपुर, अंबेडकरनगर, पटना और सोनभद्र के लोग भी थे।

नोएडा में अपने दो बेटों का मुंडन कराने गए जौनपुर के दीपक मिश्रा व रुचि मिश्रा वहीं फंस गए थे। 2 दिन से खाना नहीं खाए थे। बस से पहुंचने पर उनकी भी जांच हुई। सभी पुलिस से विनती करते रहे कि साहब किसी तरह हम लोगों को घर भिजवा दीजिए।

इस पर चौकी प्रभारी अखरी नीरज ओझा ने लोगों को अखरी से वाराणसी कैंट के लिए भेजा। बिहार जाने वालों को डाफी टोल प्लाजा पर भेजा गया। पुलिस ने सभी से एक फार्म भी भरवाया और नाम पता मोबाइल नंबर नोट किया। 

वहीं, काफी संख्या में लोग बाईपास रोड के पुल के ऊपर से पैदल ही जाते दिखाई दिये। पूछने पर पता चला कि कोई 200 किलोमीटर तो कोई 300 किलोमीटर से पैदल ही चला आ रहा है। करीब सभी कई दिन से भूखे भी थे। मोहनसराय से भी भारी संख्या में लोगों को बिहार के लिए ट्रकों से भेजा गया।

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