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लॉकडाउन में अकेले ई-रिक्शा चलाते बॉर्डर पार कर UP पहुंची ये महिला, बोली- इलाज के बाद ही लौटूंगी MP

जब शारदा से बात की गई तो उसने बताया कि कोरोना (COVID-19) के कारण लॉक डाउन है, वह ओरछा (Orcha) में अपने घर पर रहकर इसका पालन कर रही थी. लेकिन इसी बीच उसे पेट में दर्द की लगातार शिकायत हो रही थी. स्थानीय स्तर पर बेहतर इलाज नहीं मिला.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, झांसी. कोरोना वायरस (Covid-19) के कहर से पूरी दुनिया जूझ रही है. हर तरफ हर समय जीवन सकुशल चलाने और बचाने की जद्दोजहद दिखाई दे रही है. ऐसे जब मुसीबतों का अंबार सिर पर हो, इसके बाद कोरोना महामारी का खौफ भी लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखता. ऐसी ही एक बानगी देखने को मिली बुन्देलखंड के झांसी जिले में. यहां पेट दर्द से कराह रही एक महिला को अपनी जान जोखिम में डालकर अकेले राज्य की सीमा पार करने पर मजबूर होना पड़ गया.

दरअसल झांसी में लॉक डाउन के सख्ती वाले माहौल में ई-रिक्शा चलाती एक महिला कैमरे में कैद हो गई. आमतौर पर ई-रिक्शा लोग दो वक्त की रोटी कमाने के लिये चलाते हैं लेकिन मध्य प्रदेश के ओरछा कस्बे की रहने वाली शारदा ई-रिक्शा एमपी से चलाकर यूपी के झांसी जिले में अपनी बीमारी का इलाज कराने आई थी. बॉर्डर पार करते हुए शारदा अकेले ई-रिक्शा लेकर झांसी आई.

पेटदर्द से है परेशान, बेहतर इलाज के लिए आई झांसी
जब शारदा से बात की गई तो उसने बताया कि कोरोना के कारण लॉक डाउन है, वह अपने घर पर रहकर इसका पालन कर रही थी. लेकिन इसी बीच उसे पेट में दर्द की लगातार शिकायत हो रही थी. स्थानीय स्तर पर बेहतर इलाज नहीं मिला. दर्द लगातार परेशान कर रहा था. आखिरकार मजबूर होकर उसने जोखिम भरा फैसला लिया और अकेले ही अपना ई-रिक्शा के साथ ओरछा से झांसी पहुंच गई.

मध्य प्रदेश सरकार ने दिया है ई-रिक्शा
शारदा ने बताया कि पहले उसने कोई साधन ढूंढ़ने की कोशिश की लेकिन लॉक डाउन के कारण सब बंद है. ये ई-रिक्शा उसे मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिया गया था. आखिरकार उसी को स्टार्ट किया और झांसी पहुंची है. शारदा ने बताया कि वह झांसी में अस्पताल जा रही है, जहां इलाज कराकर वापस अपने घर चली जाएगी.
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