पूर्वोत्तर रेलवे ने आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किए ट्रेनों के कोच, मिलेगी कई सहूलियतें
गोरखपुर (Gorakhpur) में रेल कारखाना और यांत्रिक कारखाना में 110 से अधिक कोच को आइसोलेशन वार्ड (Isolation) में तब्दील कर दिया है. यहां पर जनरल क्लास और स्लीपर क्लास (Sleeper Class) के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया है.
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं, कोरोना संक्रमण की आशंका के तहत, लोगों को लगातार क्वारेंटाइन (Quarantine) किया जा रहा है. ऐसे में सरकार के सामने ज्यादा से ज्यादा क्वारेंटाइन सेंटर तैयार करने की जिम्मेदारी आ खड़ी हुई है. ऐसे वक्त पर भारतीय रेलवे ने राज्य सरकारों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है. रेलवे मदद के तौर पर अपनी ट्रेन के डिब्बों को आइसोलेशन सेंटर में तब्दील कर राज्य सरकारों को कोरोना संदिग्ध मरीजों के क्वारेंटाइन के लिए देगा.
उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर रेलवे को 216 डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने का पूरा कर लिया है. पूर्वोत्तर रेलवे ने इज्जतनगर, लखनऊ और वाराणसी मंडल के अंतर्गत आने वाली ट्रेनों के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में बदलने का काम किया है. इन मंडलों के वर्कशाप में कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदला गया. गोरखपुर में रेलकारखाना और यांत्रिक कारखाना में 110 से अधिक कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. यहां पर जनरल क्लास और स्लीपर क्लास के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया है.
आइसोलेशन कोच में होंगी ये सुविधाएंं
गोरखपुर यांत्रिक कारखाने के इंचार्ज रवि प्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि जिन डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया है, उसमें ये ध्यान रखा गया है कि इसमे ऱखे जाने वाले व्यक्ति को कोई परेशानी न हो. इसके लिए, जनरल क्लास के एक कूपे को मेडिकल स्टाफ के लिए आरक्षित किया गया है. कोच के दोनो तरफ प्लास्टिक के पर्दे लगाए गए है. साथ ही, हर कूपे में डस्टबिन रखा गया है. मोबाइल चार्जर की व्यवस्था है. साथ ही, पानी के बोतल रखने का हुक लगाया गया है. इससे अगर किसी मरीज को डिप चढ़ाने की जरूरत हो तो हुक में टांगा जा सकता है.
स्लीपर क्लास से हटाई गई मिडिल बर्थ
रवि प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि एक डिब्बे में एक बाथरूम बनाया गया है. जिससे इसमें रहने वाला व्यक्ति आराम से नहा सके. कोच की खिड़कियों पर मच्छरदानी लगायी गई है, जिससे अंदा रहने वाले व्यक्ति को मच्छर न काटे. इसी तरह से, स्लीपर क्लास की बोगियों में बड़ी तब्दीली की गयी है. इसमें मिडिल बर्थ और साइड अपर बर्थ को हटा दिया गया है. एक्सट्रा हुक लगाये गये हैं. एक कूपा मेडिकल स्टाफ के लिए आरक्षित किया गया है. इस कोच में भी एक बाथरूम बनाया गया है.
पूरा हुआ टास्क
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज सिंह का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे को जो लक्ष्य दिया था, उसे पूरा कर लिया गया है. पूर्वोत्तर रेलवे के 216 डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. अब ये ट्रेने कोचिंग यार्ड में खड़ी है. जरूरत के हिसाब से आदेश आने पर इसे भेजा जायेगा.