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हरियाणा में फंसे मजदूरों को लेकर गोरखपुर पहुंची यूपी रोडवेज की बसें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. सीएम योगी आदित्‍यनाथ की पहल पर यूपी रोडवेज की बसें हरियाणा में फंसे मजदूरों को लेकर गोरखपुर पहुंची हैं। सोमवार की सुबह नौ बसों का पहला बेड़ा गोरखपुर पहुंचा। कुल 40 बसें आनी हैं। 

यहां सहजनवां के मुरारी इंटर कालेज परिसर में बसों से उतरे मजदूरों की थर्मल स्‍क्रीनिंग की गई। इसके बाद मजदूरों को चाय पिलाई गई, नाश्‍ता कराया गया। सुबह 9-10 बजे से उन्‍हें भोजन भी दिया गया। मजदूरों को यहां से उनके तहसील मुख्‍यालयों पर भेजा जा रहा है। ज्‍वाइंट मजिस्‍ट्रेट अनुज मलिक ने बताया कि तहसील मुख्‍यालय पर पहुंचने के बाद उन्‍हें उनके घर के नजदीकी स्‍कूल में क्‍वारंटीन किया जाएगा।

14 दिन की क्‍वारंटीन अवधि पूरी करने के बाद ही उन्‍हें घर जाने की इजाजत मिलेगी। बसों के गोरखपुर पहुंचने का सिलसिला रात में ढाई बजे ही शुरू हो गया था। सुबह आठ बजे तक कुल नौ बसों से 229 मजदूर मुरारी इंटर कालेज पर पहुंच गए थे। इनमें से 75 मजदूर गोरखपुर के हैं। अन्‍य कुशीनगर, महराजगंज, देवरिया जैसे आसपास के जिलों के। मुरारी इंटर कालेज पर मजदूरों की स्‍वास्‍थ्‍य जांच और नाश्‍ता-भोजन  कराने में सोशल डिस्‍टेंसिंग का पूरा ध्‍यान रखा जा रहा है। लेखपाल आई कार्ड देखकर उन्‍हें तहसीलवार लगे डेस्‍क बेंच पर बिठा रहे हैं। कुछ देर बाद उन्‍हें उसी बस से उनके तहसील और जिला मुख्‍यालय पर भेज दिया जा रहा है। 
काम छिना, मजदूरी फंसी और संकट में पड़ी थी जान
कोरोना से बचाव के लिए 33 दिन पहले लगे लॉकडाउन के बीच हरियाणा में फंसे इन मजदूरों की दशा बद से बदतर हो गई थी। लॉकडाउन की वजह से उनका काम-धंधा छिन गया। मालिक ने मजदूरी का भुगतान नहीं किया। प्रशासन ने उन्‍हें वहां कई मजदूरों को क्‍वारंटीन में रखा था। वहां भोजन और अन्‍य बुनियादी चीजें तो मिल जा रही थीं लेकिन जेब में पैसे नहीं होने और घर-परिवार की कोई मदद न कर पाने की वजह से वे बुरी तरह परेशान थे। ऐसे में कई मजदूरों ने पैदल ही गोरखपुर की राह पकड़ ली और तमाम मुसीबतें झेंली। यूपी सरकार ने अपने यहां के मजदूरों को लाने का निर्णय लिया तो इनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गोरखपुर पहुंचने पर मजदूरों ने सरकार और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को धन्‍यवाद दिया।

यहां किए जाएंगे क्‍वारंटीन
गोरखपुर जिले के मजदूर 1395 गांवों के सामुदायिक भवनों, प्राथमिक विद्यालय और पंचायत भवनों में बने क्वारंटीन सेंटरों में ठहराए जाएंगे। इन सेंटर में 400 से ज्यादा लोग पहले ही क्वारंटीन किए गए हैं। 27 हजार से ज्यादा लोगों को रखने की क्षमता इन ग्रामीण क्वारंटीन सेंटर में हैं। क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले लोगों को ग्राम पंचायत की ओर से स्वच्छता किट और राजस्व विभाग की ओर से डिग्निटी किट और भोजन दिया जा रहा है।
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