Today Breaking News

माता-पिता को ट्राली पर वाराणसी से बिहार के अररिया ले जा रहा 11 साल का श्रवण कुमार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी, यह जानकार आपका पत्थर का भी दिल है तो भी वह पिघल जाएगा। उम्र महज ग्‍यारह साल और लगन ऐसी मानो हार मानना सीखा ही नहीं। लॉकडाउन ने अच्छे अच्छों के पसीने छुड़ा दिए लेकिन ग्‍यारह वर्ष के बच्चे का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जो वायरल हुआ है वह हर जुबां पर चर्चा का विषय बना है।

ट्राली रिक्शा पर अपने माता-पिता को बैठकर चलाते हुए घर जा रहा है। इसे देख कर सोशल मीडिया पर लोग उसे आधुनिक श्रवण कुमार कह रहे हैं। धूप गर्मी, भूख, प्यास भी उसके हौसले को हिला नहीं पा रही है। माता-पिता ट्रॉली में बैठे हैं और बच्चा उसे खींच रहा है। एक राहगीर ने तस्वीरें ली और वीडियो बनाया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जो बच्चा ट्रॉली खींच रहा है वह वाराणसी का रहने वाला है। उसका नाम तवारे आलम बताया जा रहा है जो बिहार के अररिया जा रहा है।


बच्चे की इस हिम्मत को जिसने देखा वही हैरान रह गया
कोरोनावायरस संक्रमण काल हर कोई किसी भी तरह से अपने घर या गांव पहुंचना चाहता है। देश के विभिन्‍न हिस्सों से इस तरह की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं जो दिल पिघला दें रहीं हैं। मात्र ग्‍यारह साल और लगन ऐसी मानो हार मानना सीखा ही नहीं लॉकडाउन ने अच्छे अच्छों के पसीने छुड़ा दिए लेकिन ग्‍यारह साल के बच्चे का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। माता-पिता ट्रॉली में बैठे हैं और बच्चा उसे खींच रहा है। एक राहगीर ने तस्वीरें ली और वीडियो बनाया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सोशल मीडिया में कई लोग इस बच्चे को कलियुग का श्रवण कुमार तक कह रहे हैं। जो बच्चा ट्रॉली खींच रहा है वो वाराणसी का रहने वाला है और इसका नाम तवारे आलम बताया जा रहा है. ये बच्चा अपने माता-पिता को ट्रॉली पर बिठाकर उसे खींचते हुए वाराणसी से बिहार के अररिया जा रहा है। बच्चे की इस हिम्मत को जिसने देखा वही हैरान रह गया।


एक बेटा मां को फल की टोकरी में बैठाकर नेपाल की ओर निकला था
विगत दिनों बनारस से एक और तस्वीर सामने आई थी, जिसमें पटना से बनारस के रास्ते नेपाल की ओर जाने वाला एक बेटा मां को फल की टोकरी में बैठाकर नेपाल की ओर निकला था। पटना की एक निजी कंपनी में काम करने वाले शेर सिंह की पत्नी और बच्चे नेपाल में हैं लेकिन मां उसके साथ थी। मां ने लॉकडाउन में घर जाने की इच्छा जताई, फिर क्या जैसा नाम वैसा इरादा, चल दिये अपनी मां को घर पहुंचने। शेर सिंह ने मां को अपनी साइकिल के पीछे कैरियर पर बंधी फल की टोकरी में बैठाया और निकल पड़े सैकड़ों मील के सफर के लिए।

 
 '