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ट्रक से सफर के लिए श्रमिक दे रहे जहाज का किराया, दुर्घटनाओं के बाद भी नहीं चेता प्रशासन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी, प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कई प्रांतों में घर लौटने समय सड़क दुर्घटना में श्रमिकों की मौत हो रही है। श्रमिकों से लदे ट्रक पलट जा रहे हैं लेकिन न तो जिला प्रशासन चेत रहा है और न ही पुलिस। घरों तक भेजने के लिए ट्रेकों में ठूंस कर गंतव्य तक भेजने से परहेज नहीं किया जा रहा है।
खास यह कि ट्रेकों में सफर करने वाले मजदूर हवाई जहाज का किराया दे रहे हैं। मोहन सराय में एक ट्रक से आजमगढ़ जा रहे मजदूरों ने बताया कि मुंबई से 50 लोग ट्रक में सवार होकर चार दिन पहले निकले। ट्रक मालिक ने प्रत्येक सवारी चार हजार रुपये लिया है। 

विधायक, डीएम, एसएसपी का दौरा
श्रमिकों को घरों तक भेजने के लिए मोहन सराय में बसों के इंतजाम हैं। वहीं, ट्रकों से भी लोगों को भेजने में पुलिस को परहेज नहीं था। खाने-पीने की व्यवस्था बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से किया गया था। व्यवस्था का जायजा लेने के लिए विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा, एसएसपी दिवाकर चौधरी आदि अफसर पहुंचे थे। डीएम ने श्रमिकों को घरों तक अविलंब भेजने का निर्देश दिया। आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं को परखा।
राहगीर प्रवासियों को रास्ते में रोक कर बसों से बॉर्डर तक भेजवाएगा मऊ प्रशासन
औरैया हादसे तथा अन्य कई स्थानों पर पैदल आ रहे प्रवासी मजदूरों की मौत की घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। अब किसी भी मजदूर को पैदल आगे नहीं जाने दिया जाएगा। न ही, उन्हें ट्रक से सफर करने दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि इसके लिए सभी पिकेट प्वाइंट्स और बैरियर पर तैनात पुलिसकर्मियों को सतर्क कर दिया गया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि अब किसी भी मजदूर को पैदल जाता देखें तो उन्हें रोक कर सीधे संबंधित  तहसील पर ले जाएं और भोजन कराने के बाद तब तक विश्राम कराएं,  जब तक उनके लिए किसी वाहन की व्यवस्था न हो जाए। 

फिर उन्हें बसों से निर्धारित स्थान के बॉर्डर तक छोड़ा जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब किसी ट्रक में भी प्रवासी मजदूरों के जाने पर रोक लगा दी गई है। ट्रकों को रोका जाएगा और उन्हें बंद किया जाएगा। मजदूरों को भोजन कराने के बाद बसों से जनपद की सीमा तक छोड़ा जाएगा। हर 15-20 किलोमीटर की दूरी पर पानी के टैंकरों की व्यवस्था प्रत्येक रोड पर की जाएगी। इसमें नगर पालिका, नगर पंचायतों व ग्राम पंचायतों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 100 नंबर की पीआरवी गाड़ियों का भी रूट चार्ट बदल दिया गया है। अब यह गाड़ियां विभिन्न रास्तों पर पैदल जाने वाले प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेंगी।
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