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मिसाल: महाराष्‍ट्र से साइकिल से चले युवक की रास्‍ते में मौत के बाद हिन्‍दू दोस्‍त ने किया सुपुर्दे खाक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, महराजगंज। लॉकडाउन में दिलो-दिमाग को झकझोरने वाली एक से बढ़कर एक दु:खद खबरें आ रही हैं। बेबसी में महाराष्ट्र के भिवंडी से अपने दोस्तों के साथ साइकिल से घर के लिए निकले महराजगंज के जिस मजदूर की मध्य प्रदेश के बड़वानी में चक्कर आने से मौत हुई, उसे गांव की मिट्टी भी नसीब नहीं हुई। वहीं बड़वानी में पुलिसिया कार्रवाई के बाद साथ आ रहे हिन्दू दोस्त ने दोस्ती की मिसाल पेश करते हुए अपने महरूम दोस्त को कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया। बेहाल घरवालों को मोबाइल से लाइव दिखाया। वीडियो बनाया और घरवालों को अंतिम संस्कार का वीडियो भेजा।

बरगदवा के शीशगढ़ गांव का तबारक (40) एक साल पहले रोजी-रोटी के सिलसिले में महाराष्ट्र के भिवंडी में गया था। वहां वह एक पावरलूम में मजदूरी का काम करता था। उसके साथ गांव के रमेश सहित बगल के गांव निबियहवा व पड़रहवा आदि के एक दर्जन लोग काम करते थे। लॉकडाउन में  जब काम धंधा बंद होने से सभी को दिक्कत होने लगी तो सभी साइकिल से एक साथ 27 अप्रैल को घर के लिए निकले। रुकते-रुकाते 30 अप्रैल को मध्य प्रदेश के बड़वानी पहुंचे। वहीं तबारक अचानक चक्कर आने से गिरा और अस्पताल में उसकी मौत हो गई।

अस्पताल भी पहुंचाया, अंतिम संस्कार भी किया
बड़वानी में कोई अपना नहीं था। लेकिन तबारक के नहीं रहने पर भी उसके दोस्त रमेश ने उसका साथ नहीं छोड़ा। तबारक की तबीयत खराब होने पर रमेश ही अस्पताल ले गया था। गुरुवार को उसकी मौत के बाद पुलिसिया कार्रवाई में साथ-साथ रहा। शुक्रवार को दोपहर बाद शव मिला तो न ला पाने की मजबूरी में घर वालों से बात कर वहीं कब्रिस्तान में रिवाज के अनुसार सुपुर्दे खाक करने की योजना बनाई। वहीं के कुछ लोगों ने उसका साथ दिया। अंतिम संस्कार में रमेश आगे-आगे रहा।

बिखर गया परिवार
तबारक के साले शीशगढ़ निवासी मंजूर ने बताया कि तबारक के माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं। उसके भाई भी नहीं हैं। घर पर तबारक की पत्नी दो बेटों व एक बेटी के साथ रहती है। एक बड़ी बेटी की शादी हो गई है। घर में अभी कोई कमाने वाला सदस्य नहीं है।

घर के लोगों के साथ गांव के लोगों ने भी लाइव देखा अंतिम संस्कार
तबारक के साले मंजूर ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर बाद रमेश ने मोबाइल पर अंतिम संस्कार को लाइव दिखाया। उसने, तबारक के पूरे परिवार और गांव के कुछ लोगों ने इस लाइव को देखा।
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