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उत्तर प्रदेश में लंबे समय से इंतजार कर रहे नवनियुक्त 729 लैब टेक्नीशियन को मिली तैनाती

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, लंबे समय से तैनाती का इंतजार कर रहे 729 लैब टेक्नीशियन को बड़ी राहत मिल गई। स्वास्थ्य महानिदेशक रुकुम केश कुमार की ओर से शनिवार देर रात तैनाती के आदेश जारी कर दिए गए। 13 मई को लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट ने भी अपनी हरी झंडी दे दी थी। नियुक्ति के आदेश जारी होने के बाद अभ्यर्थियों ने खुशी जाहिर की है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि अक्टूबर 2016 में लैब टेक्नीशियन पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन, यह पूरी नहीं हो पाई थी। जुलाई 2019 में अंतिम परिणाम घोषित होने के बावजूद 729 लैब टेक्नीशियन भर्ती की राह देख रहे थे। स्वास्थ्य विभाग भर्ती नहीं कर पा रहा था लेकिन, चिकित्सा शिक्षा विभाग में मेडिकल कॉलेजों में अपने 192 लैब टेक्नीशियन भर्ती कर दिए थे। इसी आधार पर 729 लैब टेक्नीशियन पदों पर भर्ती पूरी करने की मांग लगातार की जा रही थी।

दरअसल, पहले भर्ती में गड़बड़ी की जांच और फिर रिजल्ट को लेकर कुछ अभ्यर्थी कोर्ट चले गए, ऐसे में मामला उलझा हुआ था। बीती 13 मई को कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद आखिरकार शनिवार को नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए।

बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13 मई को यूपी सरकार को चयनित 729 लैब टेक्नीशियन अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने की छूट दे दी थी। कोर्ट ने नियुक्ति पर लगी रोक के आदेश को संशोधित किया था। कोर्ट ने यह छूट राजकीय अस्पतालों में कोरोना वायरस की जांच के लिए लैब टेक्नीशियन स्टाफ की कमी को देखते हुए दी थी। हाई कोर्ट का कहना था कि नियुक्तियां याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेंगी। 

गौरतलब है कि लैब टेक्नीशियन भर्ती परिणाम घोषित होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों को ज्वाइन करा लिया गया। इसी बीच कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए 26 अगस्त, 2019 को नियुक्ति पर रोक लगा दी। इससे 729 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी जा सकी। देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों में लैब टेक्नीशियन स्टाफ की कमी के कारण जांच में आ रही परेशानी को लेकर कोर्ट से खाली पदों को भरने की छूट देने की प्रार्थना की गई। इस पर कोर्ट ने सुनवाई की और सरकार को लैब टेक्नीशियन स्टाफ की कमी को चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने की छूट दे दिया।
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