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चंदौली में स्थापित होगा सिलाई कारखाना, हुनरमंद गरीब महिलाओं को मिलेगा रोजगार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली, लॉकडाउन के बाद की जिंदगी और रोजगार पर छिड़ी बहस का जवाब मिलने लगा है। सरकार की मंशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढऩे की है। इसकी पहल करते हुए सरकार ने ब्लाकों में सिलाई कारखाना स्थापित कर हुनरमंद गरीब महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने की योजना बनाई है। अति पिछड़़े जिले में सदर और धानापुर ब्लाक से इसकी शुरूआत होगी।

यहां कारखाना खोलने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को सौंपी गई है। एक साथ सौ महिलाओं को काम मिलेगा, जो दो लाख 29 हजार 600 स्कूली यूनीफार्म तैयार कर अपने काम की शुरूआत करेंगी। प्रयास सफल रहा तो हर ब्लाक के बाद गांव-गांव कारखाने स्थापित होंगे। गांवों से देेश की अर्थव्यवस्था को संजीवनी मिलेगी। रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।  


स्वयं सहायता समूह की प्रशिक्षित महिलाओं को स्कूली यूनीफार्म तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपने के बाद मिशन के तहत अत्याधुनिक कारखाना खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। वैसे विभाग की ओर से जिले के चार ब्लाकों में कारखाना स्थापित करने को शासन को पत्र भेजा गया था। प्रदेश सरकार ने सदर और धानापुर ब्लाक में सिलाई कारखाना स्थापित करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। कारखानों में बिजली से चलने वाली अत्याधुनिक सिलाई मशीनें लगाई जाएंगी। प्रत्येक मशीन की कीमत करीब आठ हजार रुपये है। इसके जरिए महिलाएं रोजाना करीब पांच सौ ड्रेस तैयार कर सकेंगी। इस पहल को लॉकडाउन के दौरान गांवों में होने वाले बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।

सीएम योगी ने कपड़ा विदेश भेजने का दिया था संकेत
सीएम योगी आदित्यनाथ 21 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मुखातिब थे। उन्होंने ड्रेस की क्वालिटी के आधार पर समूहों की प्रदेश में रैङ्क्षकग कराने और महिलाओं की ओर से तैयार किए गए कपड़ों को विदेश भेजकर ब्रांडिंग कराने की बात कही थी। इससे महिलाओं को उम्मीद जग गई है। स्वत: रोजगार उपायुक्त एमपी चौबे ने बताया कि स्कूली ड्रेस की सिलाई के लिए जिले के दो ब्लाकों में कारखाना स्थापित किया जाएगा। इसके लिए शासन ने स्वीकृति दे दी है। कारखानों में अत्याधुनिक सिलाई मशीनें लगाई जाएंगी। इससे महिलाओं को ड्रेस की सिलाई में सहूलियत होगी।


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