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जौनपुर में एक साथ 25 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव, 200+ मरीजों वाला पूर्वांचल का इकलौता जिला बना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर. जौनपुर में बुधवार को एक साथ 25 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप की स्थिति है। एक दिन में इतने ज्यादा मरीज अभी तक पूर्वांचल के किसी जिले में नहीं मिले थे। नए मरीजों में एक युवक शहर के मुख्य बाजार औलंदगंज का है। बाजार को तत्काल बंद करा दिया गया है। नए मरीजों के साथ ही जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या दो सौ को पार करते हुए 208 तक पहुंच गई है। पूर्वांचल में जौनपुर पहला जिला है जहां मरीजों की संख्या दो सौ से ज्यादा है। वहीं 15 लोगों को डिस्चार्ज भी किया गया। 

मंगलवार को 231 रिपोर्ट में कोई पॉजिटिव नहीं आने से लोगों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन 24 घंटे के अंदर ही इतनी बड़ी संख्या में पॉजिटिव मरीज आने से दहशत है। मंगलवार तक जिले में संक्रमितों की संख्या 184 थी। इसमें 167 मामले केवल मुंबई से जुड़े हैं। इसके अलावा अहमदाबाद से चार, सूरत से तीन, दिल्ली व एनसीआर से चार, देवबंद से एक, वाराणसी से एक, इसके बंगलादेशी, हरियाणा व रांची से एक एक व्यक्ति शामिल थे।

मंगलवार को 501 नए लोगों में कोरोना का लक्षण देखते हुए सैम्पल लेकर बीएचयू भेजा गया है। अब तक 5298 लोगों का सैम्पल जांच के लिए भेजा जा चुका है। इसमें से 3730 की जांच रिपोर्ट आ चुकी है। 1568 सैंपलों की रिपोर्ट आने का इंतजार है। यहां अब तक नए स्वस्थ मरीजों की संख्या को जोड़ लें तो 111 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं। रहात की बात यह है कि यहां लगातार मरीज ठीक भी हो रहे हैं। जिले में 30 मई को 55, 31 मई को नौ, एक जून को पांच और दो जून को एक मरीज स्वस्थ हुआ था। बुधवार को 15 मरीज स्वास्थ हो गए हैं। 

सैंपलिंग में देरी से दहशत
खेतासराय प्रतिनिधि के अनुसार पोरई खुर्द गांव निवासी एक युवक में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ विभाग उपचार के लिए अपने साथ ले आया लेकिन आज चार दिन का समय बीत गया। परिवार के लोगों का सैम्पल लेने कोई नहीं पहुंचा। जिससे पत्नी व बच्चे परेशान है। लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि आखिर जिला प्रशासन व स्वास्थ विभाग इस तरह की लापरवाही बरत रहा है।

उक्त गांव का युवक अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ मुंबई से 18 मई को कार से घर पहुंचा था। उसके साथ कार में सुइथाकला ब्लाक के गैरवाह गांव के चार लोग और भी थे। 

युवक का सैम्पल 24 मई लिया गया। परिजनों की माने तो घर आने के दूसरे दिन युवक ने परिवार के साथ खुदौली में थर्मल स्क्रीनिंग कराया था। घर पर परिवार समेत अलग कमरे में रह रहा था। खाने पीने के लिए पत्तल और प्लास्टिक का गिलास दिया जाता था। घर के लोग दूरी बनाकर रहते थे। इस बीच युवक को बुखार आने पर उसे 24 मई को सोंधी में जांच के लिए दोबारा भेजा गया। 29 मई की शाम उसकी जांच रिपोर्ट पाजिटिव आयी। अगले दिन 30 मई को स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमित युवक को जौनपुर में संक्रमितों के लिए बने अस्पताल में दाखिल करा दिया। 

परिवार की जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने क्वारंटीन सेंटर मिहरावां बुलाया गया। दूसरे दिन एक वाहन से परिवार वाले मिहरावां पहुंचे तो उन्हें यह कहकर वापस कर दिया कि जांच सोंधी ब्लाक या खुदौली में होगा। अपने दोनों बच्चों के साथ युवक की पत्नी को बैरंग वापस लौटना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते आज तक संक्रमित युवक के बीवी बच्चों की जांच नहीं हो पाई है।
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