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सीबीआई की जांच में कानपुर इंडियन ओवरसीज बैंक में दो हजार करोड़ का घपला आया सामने

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, सीबीआई ने इंडियन ओवरसीज बैंक की कानपुर शाखा के दस करोड़ रुपये हड़पने के जिस मामले में केस दर्ज किया है, उसमें करीब दो हजार करोड़ रुपये के घपले की आशंका है। सीबीआई ने इस केस की सिलसिलेवार जांच शुरू कर दी है। करीब 35 फर्म अब तक जांच के दायरे में हैं।

सीबीआई ने कानपुर की ग्लोबिज एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। यह केस इंडियन ओवरसीज बैंक के वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत पर दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार जांच में सामने आया है कि ग्लोबिज एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने कंसोर्टियम में शामिल अन्य बैंकों को भी धोखा देकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। यह रकम दो हजार करोड़ रुपये है। जांच में सामने आया है कि ग्लोबिज एक्जिम ने बैंकों की रकम हड़पने के लिए करीब 35 फर्म बनाई थीं।

सीबीआई अब अन्य बैंकों की शिकायत का इंतजार कर रही है। जल्द ही सीबीआई इस केस में आरोपितों के ठिकानों पर छापामारी भी कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2016 में कानपुर के बिरहाना रोड स्थित ग्लोबिज एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिल्ली निवासी अरविंद श्रीवास्तव व कानपुर निवासी सरल वर्मा ने बैंकों के कंसोर्टियम से करीब दो हजार करोड़ रुपय की लिमिट की अनुमति का आवेदन किया था, जिसमें इंडियन ओवरसीज बैंक मुख्य बैंक था। कंपनी ने लेदर प्रोडक्ट के निर्माण और उसके आयात-निर्यात के लिए इतनी बड़ी रकम की मांग की थी। फर्जी फर्मों की सूची देकर कच्चा माल खरीदने का बड़ा खेल करने की बात भी सामने आ रही है।

बता दें कि सीबीआई ने गुरुवार को 10 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच सेल ने केस दर्ज कर इस मामले की छानबीन शुरू कर दी है। कानपुर स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ 10 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत बीते दिनों सीबीआई से की गई थी। इंडियन ओवरसीज बैंक के चीफ रीजनल मैनेजर निरंजन पांडा ने पांच जून को मामले की शिकायत की थी।

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