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अस्पताल में दरोगा बोले दो दिन से दौड़ रहे हैं, आखिर हमारा कोरोना टेस्ट कब होगा?

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. कोरोना का कहर जारी है. अब यह शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक फैलता जा रहा है. सबसे ज्यादा कोरोना वारियर्स यानी पुलिसकर्मी इससे प्रभावित हो रहे हैं. दो दिन पहले ककवन थाना प्रभारी की अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों द्वारा कोरोना के लक्षण पाए जाने पर जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. रिपोर्ट की सूचना ककवन थाने में जैसे ही पहुंची, पूरे थाने में हड़कंप मच गया. दरोगा से लेकर सिपाही और होमगार्ड तक में हलचल मच गई.

डीआईजी अनंत देव तिवारी के निर्देश पर पूरे थाने को सील कर दिया गया और सैनेटाइजेशन कराया गया. पुलिस उपमहानिरीक्षक ने थाने के सभी स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि वह सीएचसी जाकर अपना टेस्ट कराएं. थाना प्रभारी के संक्रमित होने की रिपोर्ट के 24 घंटे बाद पुलिसकर्मियों के नमूने लेने की प्रक्रिया शुरू की गई. दो दर्जन लोगों के ही नमूने लिए जा सके.

थाने में करीब 60 लोग संदिग्ध
थाना प्रभारी के संपर्क में रहे 40 सिपाही 4 दरोगा व 15 अन्य लोगों को संदिग्ध मानते हुए लिस्ट तैयार की गई. इनमें से 40 लोग ऐसे हैं, जिनका तत्काल नमूना लिया जाना जरूरी था. एसएसपी के निर्देश पर सोमवार शाम सभी सिपाही थाने पहुंचे, ताकि नमूने लिए जा सकें. सीएचसी बिल्हौर में स्टाफ न होने का हवाला देते हुए शाम समय नमूने लेने से इंकार कर दिया गया. उन्हें मंगलवार सुबह फिर 10 बजे बुलाया गया.

नमूना नहीं लिए जाने से सिपाही, दरोगा परेशान
टेस्ट कराने पहुंचे सिपाही डरे और सहमे हुए थे. उसी हड़बड़ाहट में आरक्षी डॉक्टर से बोल पड़ा कि डॉक्टर साहब कोतवाल को तो कोरोना हो गया, हमारा जल्दी से टेस्ट कर दें. कहीं हमें न हो. सिपाही की बात सुनने के बाद वहां मौजूद चिकित्सक शिव देवेंद्र मिश्रा भी सकते में आ गए, क्योंकि वह अकेले सिपाही नहीं थे. उसके साथ अन्य आरक्षी और यहां तक की एक उपनिरीक्षक भी बोल पड़ा कि 2 दिन से दौड़ रहे हैं, आखिर टेस्ट कब होगा? शिव देवेंद्र मिश्रा ने बताया थाना स्टाफ को पहले सोमवार बुलाया गया था. फिर मंगलवार लेकिन अभी नमूना लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. जिससे सिपाही परेशान है.
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