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वायरल वीडियो से मिला गाजीपुर की पीड़िता को इंसाफ, जेल गया दुष्कर्मी होमगार्ड

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सोशल मीडिया के इस जमाने में एक वायरल वीडियो ने ऐसी बेबस किशोरी को न्याय दिलाया, जिससे अपनों ने भी मुंह मोड़ लिया है। गाजीपुर से भटक कर धनबाद पहुंची 17 वर्षीय किशोरी के साथ पीएमसीएच की छत पर दरिंदगी हुई लेकिन किसी ने मुंह खोलने की जरूरत नहीं समझी। सबकुछ जानते हुए पीएमसीएच प्रबंधन कई दिनों तक घटना से अनजान बना रहा। वायरल वीडियो जब एसएसपी अखिलेश बी वारियर तक पहुंचा तो पुलिस रेस हुई। चार रात हवालात में काटने के बाद आरोपी होमगार्ड जवान शंकरजी राय उर्फ चमक सिंह को गुरुवार को जेल भेजा गया।

चमक सिंह को पुलिस ने गुरुवार की दोपहर करीब एक बजे पोक्सो के विशेष न्यायाधीश अखिलेश तिवारी की अदालत में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी होमगार्ड जवान को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। चमक के खिलाफ डीएसपी के सुपरविजन और पीड़िता के बयान को मुख्य आधार बनाया गया। घटना के दिन तैनात नर्सों ने डीएसपी को दिए बयान में बताया था कि किशोरी उस दिन अपने बेड पर नहीं थी। सभी उसकी खोज में जुटे थे। इसी बीच उसे चमक सिंह के साथ छत से नीचे उतरते देखा गया था। किशोरी के कपड़े बेतरतीब थे। बटन खुले थे। जब उससे पूछा गया तो उसने चमक सिंह पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। इस बात की जानकारी पीएमसीएच के वरीय अधिकारियों को दी गई थी लेकिन किसी ने मामले की शिकायत पुलिस से नहीं की।


29 मई को पीएमसीएच से हटाया गया था जवान : दुष्कर्म के आरोपी चमक सिंह के खिलाफ 29 मई को पीएमसीएच के अधीक्षक ने होमगार्ड कमांडेंट को शिकायत की थी। चमक के अलावा उसके सहकर्मी रिंकेश यादव के खिलाफ अधीक्षक ने शिकायत की थी कि दोनों ड्यूटी में लापरवाही बरतते हैं। गार्ड कमांडर के निर्देशों के बावजूद दोनों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया। दोनों की हरकतों से अस्पताल प्रबंधन को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए दोनों को अविलंब अस्पताल की ड्यूटी से वापस बुलाया जाए। हालांकि इस शिकायत में कहीं भी चमक पर दुष्कर्म के आरोप नहीं लगाया गया था। उस पर यह भी आरोप है कि होमगार्ड में बहाल होने के लिए उसने फर्जी आवासीय प्रमाण पत्र दिया है।

घर जाना चाहती है किशोरी : दुष्कर्म पीड़िता फिलहाल महिला थाना में है। इससे पहले उसे पीएमसीएच से बस्ताकोला जीवन संस्था भेजा गया था। अब वह न तो महिला थाना में रहना चाहती है और न ही जीवन संस्था में। वह एक ही रट लगाए बैठी है कि उसे उसके घर गाजीपुर भेज दिया जाए। मानसिक रूप से वह पूरी तरह से स्वस्थ नहीं है। वह अपने पिता से बात करना चाहती है लेकिन उसे किसी का नंबर याद नहीं है। जल्द ही उसे रिमांड होम देवघर या उसके घर भेजने की तैयारी की जा रही है।

 
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