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श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के खिलाफ दाखिल याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। अयोध्या में पांच अगस्त को प्रस्तावित श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के लिए रास्ता साफ हो गया है। भूमि पूजन पर रोक लगाने के लिए दाखिल एक जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हम राज्य सरकार और आयोजकों से उम्मीद करते हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना के रोकथाम के लिए बनाए गए सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।

दिल्ली के पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर पिटीशन भेजी थी। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई की और खारिज कर दिया। इस याचिका में कहा गया था कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए होने वाला भूमि पूजन कोविड-19 के अनलॉक- 2 की गाइडलाइन का उल्लंघन है। ऐसे में इस पर रोक लगनी चाहिए। कोर्ट ने इस दलील पर कहा कि आयोजक सभी नियमों का पालन करेंगे।

इसके साथ ही जनहित याचिका में यह भी कहा गया था कि भूमि पूजन में लगभग 300 लोग एकत्र होंगे, जो कोविड-19 के नियमों के विपरीत होगा। इससे कोरोना के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा। कोर्ट ने कहा कि यह पूरी याचिका कल्पनाओं पर आधारित है और इसमें कोई तथ्य नहीं है कि कैसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन होगा। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हम आयोजकों और उत्तर प्रदेश की सरकार से उम्मीद करते हैं कि वे सभी नियमों का पालन करेंगे।

पांच अगस्त को भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन प्रस्तावित है। 18 जुलाई को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में इस तारीख पर मुहर लगी थी। ट्रस्ट की तरफ से जानकारी दी गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के लिए भूमि पूजन करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए ट्रस्ट की तरफ से 200 लोगों के बुलाने की बात कही गई है। श्रीराम मंदिर आंदोलन से जुड़े तमाम नेता समेत सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इसमें शामिल हो सकते हैं।

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