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श्रीराम मंदिर भूमिपूजन से पहले ही रामलला के दर्शन के समय में बदलाव, जानिए नई टाइमिंग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन से पहले रामलला के दर्शन अवधि में बदलाव किया गया है। सबह की पाली में दर्शन के लिए 1 घंटे का समय बढ़ाया गया है। अब सुबह 7:00 बजे से 12:00 बजे तक हो सकेंगे रामलला के दर्शन। वहीं दूसरी पाली में दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 तक दर्शन होते हैं। अपर जिला मजिस्ट्रेट कानून व्यवस्था ने बताया कि पहले सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक ही रामलला के दर्शन होते थे। शनिवार व रविवार को लॉकडाउन के कारण केवल स्थानीय लोगों को ही दर्शन की अनुमति है। दर्शन अवधि में किया बदलाव।

दूरदर्शन दिखाएगा भूमि पूजन का लाइव प्रसारण
कोरोना संक्रमण के कारण अयोध्या में पांच अगस्त को भव्य राममंदिर निर्माण के लिये होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए दूरदर्शन के जरिये लाइव दिखाने की व्यवस्था की गइ है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम का सजीव  प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाएगा। उन्होने लोगों से अपील की है कि कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालु अयोध्या मत आए बल्कि अपने घरों में रहकर लाइव प्रसारण का आनंद ले और दीपोत्सव मनाए।

चांदी की पांच शिलाओं से मोदी करेंगे भूमि पूजन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे तो गर्भग्रह मे चांदी की पांच शिलायें रखी जाएगी। चालीस किलो वजन की इन शिलाओं के.नाम नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता और पूर्ना  हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार अयोध्या आ रहे हैं। भूमि पूजन के साथ ही भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। मंदिर नया कीर्तिमान भी गढेगा। मंदिर का निर्माण पहले 37 हजार 500 सौ वर्ग फिट मे प्रस्तावित था लेकिन अब 76 हजार से 84 हजार वर्ग फिट में निर्माण किया जायेगा। पहले इसकी ऊंचाई 128 फिट थी जिसे बढा कर 161 फिट कर दिया गया है। मंदिर में पहले एक लाख 75 हजार घन फिट पत्थर लगने थे लेकिन अब तीन लाख घन फिट पत्थर लगेंगे। राम मंदिर का पुराना माडल दो मंजिल का था लेकिन अब तीन मंजिल का कर दिया गया है। पहले दो मंजिल के हिसाब से 212 स्तंभ लगने वाले थे। मतलब हर तल.मे 1०6 स्तंभ लेकिन अब 318 स्तंभ लगाये जायेंगे। हर स्तंभ पर 16 यक्ष ,यक्षणियों की मूर्तियां उकेरी जाएगी। 
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