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हरिवंश नारायण सिंह के दोबारा राज्‍य सभा उप सभापति बनने पर गांव में जश्न

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. राज्यसभा के उपसभापति पद पर हरिवंश नारायण सिंह के दोबारा उप सभापति चुने जाने पर सोमवार को सिताबदियारा जश्न में डूबा रहा। यह खबर जैसे ही हरिवंश के गांव सिताबदियारा पहुंची तो  लोग खुशी से झूम उठे। कई स्थानों पर लोगों ने मिष्ठान वितरण कर एक-दूसरे से खुशियां साझा की।

इस बार राज्यसभा के उप सभापति पद के चुनाव में दो सांसद आमने-सामने थे। एनडीए की ओर से प्रत्याशी हरिवंश नारायण सिंह थे तो यूपीए ने मनोज झा को प्रत्याशी बनाया  था। हरिवंश नारायण सिंह का कार्यकाल इसी साल अप्रैल में पूरा हुआ था, जिससे पहले उन्हें दोबारा निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुन लिया गया था, अब वह दोबारा उप सभापति भी चुन लिए गए।

सरलता की बदौलत बनाई अलग पहचान
पत्रकार से राजनेता बने हरिवंश के उप सभापित चुने जाने के बाद उनके गांव में राधेश्याम सिंह, जैनेंद्र कुमार सिंह, छितेश्वर सिंह, अजय सिंह, सिताबदियारा के मुखिया सुरेंद्र सिंह, शिक्षक राजेश सिंह आदि ने बताया कि हरिवंश जी ने अपनी सरलता के बदौलत ही राजनीति में भी अलग पहचान स्थापित किया। उनके पीछे न गाडिय़ों का काफिला होता है, और न ही विशेष सुरक्षा गार्ड। कोई अन्य दिखावा भी वह नहीं करते। वह जब भी गांव आए, गांव के लोग अगले दिन ही जान पाते हैं कि वे गांव आए हैं।


गांव से रहता गहरा नाता
हरिवंश नारायण सिंह वर्ष 2014 में जद यू से पहली बार राज्य सभा भेजे गए। वर्ष 2018 में पहली बार राज्य सभा में उप सभापति बने। इस अवधि में वे पांच बार अपने गांव पहुंचे हैं। वे दो भाई हैं, बड़े भाई रघुवंश नारायण सिंह डॉ. भीम राव आंबेडकर विश्व विद्यालय में इलेक्ट्रिक विभाग में इंजीनियर थे, अब सेवानिवृत होकर वहीं मुजफ्फरपुर में ही रहते हैं। दोनों ही भाइयों का गांव से हमेशा गहरा नाता रहा है।

बलिया के हरिवंश का संक्षिप्त परिचय
-जन्म-30 जून 1956
-प्राथमिक शिक्षा-टोला काशी राय
-हाईस्कूल-जेपी इंटर कालेज, जयप्रकाश नगर-1970
-इंटरमीडिएट-वाराणसी से 1972
-स्नातक व पत्रकारिता में डिप्लोमा-काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी।
-राज्यसभा सदस्य-अप्रैल 2014
-इसके बाद पत्रकारिता से विदा ले लिए।
-राज्य सभा के उप सभापति 2018
-दोबारा बने उप सभापति

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