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लॉकडाउन खत्‍म होते ही टेक्‍सटाइल सेक्‍टर की बढ़ी रफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. बाजार पूरी तरह खुलने का असर गीडा से लेकर इंडस्ट्रियल एरिया में स्थापित टेक्सटाइल सेक्टर पर साफ दिख रहा है। 1000 करोड़ से अधिक टर्न ओवर वाली टेक्सटाइल से जुड़ी फैक्ट्रियों में लॉकडाउन के बाद पहली बार पूरी क्षमता से काम हो रहा है। धागा के साथ कच्चा माल बनाने वाली फैक्ट्रियों को गुजरात, पंजाब से लेकर कोलकाता की फैक्ट्रियों से मोर्चा लेना आसान हो गया है। मजदूरों की उपलब्धता नहीं होने से अन्य प्रदेशों की फैक्ट्रियां अभी पूरी क्षमता से नहीं चल रही हैं।
बाजार के साथ ही ट्रांसपोर्ट की सुविधा पूरी तरह शुरू होने के चलते कोलकाता, दिल्ली, जलंधर और सूरत जैसे शहरों में मांग बढ़ गई है। मांग बढ़ने से फैक्ट्रियां लॉकडाउन के बाद पहली बार पूरी क्षमता से चल रही हैं। अच्छी बात ये हैं कि करोड़ों रुपये के डंप माल की भी आपूर्ति पूरी हो चुकी है। इंडस्ट्रियल एरिया के वीएन डायर्स फैक्ट्री में बने कपड़ों की आपूर्ति स्थानीय बाजार के साथ ही दक्षिण अफ्रिका तक में होती है। फैक्ट्री में सभी कामगार आ चुके हैं। मांग बढ़ने से काम पूरी क्षमता से हो रहा है। फैक्ट्री के मालिक विष्णु अजीत सरिया का कहना है कि मांग में काफी सुधार हुआ है। दक्षिण अफ्रिका को एक्सपोर्ट होने वाले कपड़े की डिमांड में कोई फर्क नहीं है। 300 मजदूरों की क्षमता है, सभी को काम दिया है। गीडा की बथवाल उद्योग यूनिट में पूरी क्षमता से उत्पादन कर रही है। यूनिट में 200 से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं। 

पांच महीने में पहली बार पूरी क्षमता से उत्पादन
इंडस्ट्रियल एरिया में पूर्वांचल की प्रमुख धागा बनाने वाली अंकुर उद्योग लिमिटेड में उत्पादन सामान्य हो गया है। फैक्ट्री में करीब 700 मजदूर काम कर रहे हैं। फैक्ट्री के प्रमुख निखिल जालान का कहना है कि धागे की आपूर्ति पंजाब और राजस्थान को होती है। दोनों प्रदेशों में आपूर्ति सामान्य है। करीब 25 करोड़ रुपये का तैयार माल डंप पड़ा था, उसकी भी खपत हो गई है। राजस्थान से लेकर पंजाब में फैक्ट्रियां खुली तो हैं लेकिन पूरी क्षमता से नहीं चल रही है। इसका लाभ मिला है। 

रेडीमेड की फैक्ट्रियों में भी तेजी
इंडस्ट्रियल एरिया से लेकर गीडा क्षेत्र की रेडीमेड गारमेंट की फैक्ट्रियों में उत्पादन सुधरने लगा है। लॉकडाउन से पहले वैवाहिक सीजन को लेकर तैयार रेडीमेड शर्ट अब खप रहे हैं। वहीं उद्यमी रमाशंकर शुक्ल रेडीमेड के कारोबार को लगातार बढ़ा रहे हैं। वे पिपरौली में कपड़े की बड़ी फैक्ट्री लगाने की तैयारी में हैं। 

नंबर गेम-
05 सौ करोड़ रुपये का कच्चा माल गोरखपुर की फैक्ट्रियों में साल भर में तैयार होता है।
50 से अधिक फैक्ट्रियां गीडा से इंडस्ट्रियल इस्टेट में हैं।
01 हजार करोड़ का टर्न ओवर है टेक्सटाइल उद्योग का

बोले उद्यमी
स्थिति सामान्य हो गई है। पूरी क्षमता से फैक्ट्री चल रही है। पूर्वांचल में पर्याप्त मजदूरों की उपलब्धता का लाभ मिल रहा है। ग्रिड से सीधे बिजली खरीदने से प्रोडक्शन कॉस्ट कम हुआ है। गोरखपुर अब गुजरात, कोलकाता और पंजाब की फैक्ट्रियों से प्रतियोगिता कर रहा है।-निखिल जालान, अंकुर उद्योग

नवरात्र से लेकर वैवाहिक सीजन को लेकर काफी उम्मीदें हैं। पूरी क्षमता से काम हो रहा है। गोरखपुर में दिल्ली और मुंबई की फैक्ट्रियों के मुकाबले का शर्ट-पैंट तैयार हो रहा है। जापान से मशीनें मंगाई है। जल्द टी-शर्ट, जींस, लोवर आदि का भी उत्पादन होने लगेगा।-रमाशंकर शुक्ला, रेडिमेड कारोबारी
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